जौनपुर। शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल और समावेशी बनाने के लिए भारत सरकार ने ‘अपार आईडी’ (APAAR ID – Automated Permanent Academic Account Registry) की शुरुआत की है। यह ‘एक देश, एक छात्र आईडी’ पहल के तहत विकसित किया गया एक विशिष्ट डिजिटल पहचान पत्र है, जिसमें छात्रों के सभी शैक्षणिक रिकॉर्ड संग्रहीत किए जाएंगे।
क्या है अपार आईडी?
अपार आईडी एक स्थायी डिजिटल अकादमिक खाता है, जो छात्रों को उनकी शिक्षा से जुड़े सभी दस्तावेज़ों को संग्रहित और एक्सेस करने की सुविधा प्रदान करेगा। इसे स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक इस्तेमाल किया जा सकेगा।
अपार आईडी के लाभ:
- शैक्षणिक रिकॉर्ड एक ही प्लेटफॉर्म पर: छात्रों की मार्कशीट, सर्टिफिकेट, डिग्री और अन्य शिक्षा संबंधी दस्तावेज डिजिटल रूप से संरक्षित रहेंगे।
- डिजिटल क्रेडिट सिस्टम: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत क्रेडिट ट्रांसफर और मान्यता में मदद मिलेगी।
- सरकारी योजनाओं का लाभ: छात्रवृत्ति, छात्र सहायता और अन्य सरकारी योजनाओं से सीधा जुड़ाव।
- भविष्य में रोजगार के लिए सहायक: नौकरी और उच्च शिक्षा के आवेदन में डिजिटल वेरिफिकेशन की सुविधा।
कैसे बनवाएं अपार आईडी?
- स्कूल या कॉलेज के माध्यम से आवेदन करें।
- आधार कार्ड और अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करें।
- माता-पिता की सहमति (यदि छात्र नाबालिग है)।
- UIDAI वेरिफिकेशन के बाद आईडी जारी होगी।
- यह आईडी डिजिलॉकर (DigiLocker) से जुड़ी होगी।
अपार आईडी और आधार कार्ड में क्या अंतर?
- आधार कार्ड: यह एक राष्ट्रीय पहचान पत्र है, जिसका उपयोग सरकारी सेवाओं के लिए किया जाता है।
- अपार आईडी: यह विशेष रूप से शैक्षणिक रिकॉर्ड और छात्र पहचान के लिए बनाई गई डिजिटल आईडी है।
कहां से मिलेगी अधिक जानकारी?
छात्र और अभिभावक अधिक जानकारी के लिए अपार आईडी की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।
यह डिजिटल पहल छात्रों की शिक्षा को आसान और आधुनिक बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
🔗 बैकलिंक:
(आवाज़ न्यूज़ के लिए विशेष रिपोर्ट)