देश भर में चर्चा का विषय बने नीट-यूजी परीक्षा 2024 में अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने रविवार (23 जून) को जानकारी दी कि समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी के पदों के लिए परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में की गई छह गिरफ्तारियों में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि उक्त परीक्षा का प्रश्नपत्र दो तरीकों से लीक हुआ था।

एसटीएफ ने जारी एक विस्तृत बयान में बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कथित अपराध से जुड़े तार खुल गए हैं, जिसमें मुख्य रूप से यह बात सामने आई है कि परीक्षा का पेपर दो तरीकों से लीक किया गया था। सबसे पहले, उसी दिन परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले सुबह करीब 6:30 बजे प्रश्नपत्र लीक हुआ। एसटीएफ ने बताया कि बिशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज प्रयागराज में परीक्षा का काम देखने वाले कमलेश कुमार पाल उर्फ ​​केके, डॉ. शरद सिंह पटेल, सौरभ शुक्ला, अरुण सिंह और अर्पित विनीत यशवंत ने मोबाइल फोन की मदद से पेपर को स्कैन करके लीक किया। एसटीएफ ने बताया कि इस मामले में पांचों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

इसके अलावा, प्रश्नपत्र लीक करने का दूसरा तरीका प्रिंटिंग प्रेस से था। आरोपियों द्वारा बताए गए विवरण के बारे में एसटीएफ ने विस्तार से बताया कि इसमें प्रेस का कर्मचारी सुनील रघुवंशी शामिल था। एसटीएफ ने बताया कि 3 फरवरी को रघुवंशी प्रेस में मशीन ठीक करने के बहाने आया था और बिना किसी को बताए प्रश्नपत्र लेकर अपने घर चला गया और वहीं रख दिया। बाद में उसने विशाल दुबे को इसकी जानकारी दी, जिसने राजीव नयन मिश्रा उर्फ ​​राहुल और सुभाष प्रकाश को इसकी जानकारी दी।

चारों ने मिलकर तय किया कि 8 फरवरी को वे कोमल होटल में अभ्यर्थियों और सॉल्वरों के साथ एकत्र होंगे। होटल में ही सॉल्वर प्रश्नपत्र हल करेंगे और अभ्यर्थियों को उसे पढ़ने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने बताया कि राजीव नयन मिश्रा उर्फ ​​राहुल और उसके गिरोह के सदस्यों ने प्रत्येक अभ्यर्थी से 12 लाख रुपये तय किए थे।

8 फरवरी को पूर्व नियोजित योजना के अनुसार विशाल दुबे पहले संदीप पांडे के साथ कोमल होटल पहुंचा, इसके बाद सुनील रघुवंशी प्रश्नपत्र की 6-6 फोटोकॉपी लेकर वहां पहुंचा।

गौरतलब है कि मामले में ताजा कार्रवाई के बारे में रविवार को जारी बयान में एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में मध्य प्रदेश के भोपाल निवासी और प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सुनील रघुवंशी, बिहार के मधुबनी निवासी सुभाष प्रकाश, प्रयागराज निवासी विशाल दुबे और संदीप पांडे, गया (बिहार) निवासी अमरजीत शर्मा और बलिया निवासी विवेक उपाध्याय शामिल हैं। एसटीएफ ने बताया कि गिरफ्तारी के समय उनके पास से एक लैपटॉप, छह मोबाइल फोन और पांच खाली चेक भी बरामद किए गए।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित यह परीक्षा इस वर्ष फरवरी में पूरे राज्य में आयोजित की गई थी; हालांकि, पेपर लीक की खबरों के कारण इसे मार्च में तत्काल रद्द कर दिया गया था। परीक्षा रद्द होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था कि परीक्षा छह महीने के भीतर दोबारा आयोजित की जाए।

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