क़ौमी यकजहती कॉन्फ्रेंस में वक्ताओं ने दिया एकता व भाईचारा का संदेश

अजवद क़ासमी

जौनपुर: रबीउल अव्वल का महीना आते ही आख़िरी नबी हज़रत मुहम्मद साहब के जन्मदिन के उपलक्ष्य में गलियों,मोहल्लों,चट्टी चौराहों पर बड़ी अक़ीदत व मोहब्बत के साथ जलसा ए सीरतुन्नबी सल्लाहु अलैहि वसल्लम व जुलूस ए मदहे सहाबा रज़ि.का आयोजन बहुत धूम धाम से किया जाता है इसी क्रम में नगर के मोहल्ला डढ़ीयाना टोला का ऐतिहासिक ईद मिलादुन्नबी व जुलूस मदहे सहाबा की शुरुआत रहमानिया सीरत कमेटी के तत्वावधान में किया गया जिसकी शुरुआत बाद नमाज़ ए असर हज़रत मौलाना वामिक ने तिलावत ए क़ुरआन से किया और नात हाफ़िज़ एहसान खैराबादी ने पेश किया जलसे को खेताब करते हुए मुफ़्ती अब्दुर्रहमान क़ासमी ने विस्तार से सीरत पर प्रकाश डाला। उसके बाद शाही जामा मस्जिद से बाद नमाज़ ए ईशा शाहनवाज़ मंज़ूर अध्यक्ष रहमानिया सीरत कमेटी ने जुलूस को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।

जुलूस रहमानिया मस्जिद से उठकर शाही बड़ी मस्जिद पहुंचकर क्रमशः अपने क़दीमी रास्तों से होते हुए एवं फन ए सिपहगरी के अखाड़े अपने फ़न का मुज़ाहिरा और नात ख़्वां अंजुमन नातिया कलाम पेश करते हुए फ़ज्र की नमाज़ से पहले पहले रौज़ा क़दम रसूल पर पहुंचकर जलसे की शक्ल में तब्दील हो गए जुलूस के रास्तों को सजावट कमेटियों द्वारा दुल्हन की तरह क़ुमकमों व झालरों से सजाया गया था। रहमानिया सीरत कमेटी ने अपने कंट्रोल रूम स्थित डढ़ीयाना टोला पर एक जलसा क़ौमी यकजहती का आयोजन प्रारंपगत तऱीके से किया जिसकी सरपरस्ती मौलाना हसनैन अहमद सिद्दीक़ी व अध्यक्षता सभासद शाहनवाज़ मंज़ूर ने किया और मुख्यातिथि के रूप में शैलेन्द्र यादव ललई पूर्व मंत्री उपस्थित रहे क़ौमी यकजहती कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हनीफ़ अंसारी ने क़ौमी यकजहती गीत पढ़कर किया।

जलसा क़ौमी यकजहती को संबोधित करते हुए शैलेन्द्र यादव ललई ने कहा कि हमारा जनपद हमेशा से एकता की मिसाल पेश करते चला आ रहा है यहां सर्व धर्म व समुदाय के लोग मिल जुलकर रहते हैं यही जौनपुर की पहचान है। डॉ. सरफ़राज़ खान चेयरमैन प्रतिनिधि नगर पंचायत जफराबाद ने कहा कि आज ऐसे आयोजनों की ज़रूरत है जिससे भाईचारा और राष्ट्रीय एकता को बल मिलता हो। बिजली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष निखिलेश सिंह ने कहा कि शिराज़ ए हिन्द जौनपुर की गंगा जमुनी तहजीब दुरर दूर तक मशहूर है हमारा शहर प्रेम का संगम है जिसकी हवाओं में एकता की ख़ुशबू है और इस अटूट रिश्ते को कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। अंत में हज़रत मौलाना हसनैन अहमद सिद्दीक़ी ने दुआ कराकर प्रोग्राम को खत्म किया।

इसके अतरिक्त मज़हर आसिफ़,लाल मोहम्मद राईनी,आरिफ़ खान,आरिफ़ हबीब खान,इरशाद अनवर खान,अरशद क़ुरैशी,शौकत अली मुन्ना राजा,सद्दाम हुसैन एडवोकेट,नियाज़ तहिर शेखू एडवोकेट,इंजीनियर क़ासिम मुस्तफ़ा ने भी जलसे को संबोधित किया। प्रोग्राम का संचालन अजवद क़ासमी ने किया। अंत में रहमानिया सीरत कमेटी के महासचिव अशफ़ाक़ मंसूरी ने आये हुए समस्त अतिथियों का शुक्रिया अदा किया। इस अवसर पर साजिद अली गल्लू,शाहनवाज अहमद,वसीम कुरेशी,फज्जू भाई,इश्तियाक कुरैशी पप्पू,अजीज़ खान,मोहम्मद चांद,सैफ़ुद्दीन सिद्दीक़ी,

पप्पू भाई,मोतीलाल यादव,अलमास अहमद सिद्दीक़ी,सभासद मनीष देव मंगल,डॉ मोहम्मद चांद बागवान,सभासद अबुज़र शेख़,असद खान मुन्ना,ताजिर खान,मेराज खान,शोबी ताज क़ादरी,सलीमुल्लाह खान चुन्ना,मोहम्मद जमाल,रिजवान चांद,शाहबाज खान,नदीम खान,अकील खान,तौक़ीर क़ुरैशी,एडवोकेट नदीम कुरैशी समेत आदि उपस्थित रहे।

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