Aawaz News सु जीत वर्मा ब्यूरो चीफ
जौनपुर। जनपद के थाना जलालपुर क्षेत्र स्थित ग्राम कुसिया के मूल निवासी एवं थाना जलालपुर के हिस्ट्रीशीटर गाजीपुर जखानिया से सुभासपा के बैनर तले विधायक बने बेदी राम पेपर लीक कराने के आरोपों से घिरने के साथ अब सुभासपा के लिए मुसीबत बनता जा रहा हैं। सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर को बीते दिवस सीएम योगी ने तलब किया और कड़ी फटकार भी लगाई इसके बाद शुक्रवार को दिल्ली में तलबी हुई भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह ने ओप राजभर से बात किया है।
सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात में ओपी राजभर से बेदीराम को लेकर सवाल हुए। वहीं दूसरी ओर प्रदेश पुलिस ने गाजीपुर पुलिस पेपर लीक को लेकर वायरल हुए बेदीराम, बिजेंद्र गुप्ता आदि के वीडियो की जांच कर रही है।
यहां बता दे कि बेदी राम का पेपर लीक जैसे अपराध का पुराना खेल है इनके उपर एक दर्जन से अधिक अपराधिक मामले पंजीकृत है। थाना जलालपुर में बेदी राम की हिस्ट्रीशीट 2022 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने तब खुली जब वह विधायक बन गया था आज भी बेदी राम की हिस्ट्रीशीट 17A प्रचलित है। अब पेपर लीक के मामले में बेदी राम भाजपा के गले की हड्डी बन गया है। विधायक बनने के बाद भी इस जाल फरेब के अपराध में संलिप्त है।
बता दें कि 2014 में रेलवे का पेपर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किए गये मास्टरमाइंड बेदीराम ने जमानत मिलने के बाद राजनीति में कदम रखा और पहले ब्लॉक प्रमुख बन गया। तत्पश्चात 2022 के चुनाव लड़ गया सुभासपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव में बेदीराम गाजीपुर की जखनियां सीट से विधायक बनने मे कामयाब हो गए। वर्तमान में सुभासपा भाजपा सरकार को समर्थन देते हुए सरकार का हिस्सा बनगये है। अचानक नीट पेपर लीक कांड में बेदी राम के पूर्व सहयोगी बिजेंद्र गुप्ता का वीडियो वायरल हुआ। कुछ ही देर में बेदीराम का भी दूसरे राज्यों में भर्तियां कराने के दावे वाला वीडियो इंटरनेट पर तेजी से फैलने लगा।
यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि ओपी राजभर का भी एक वीडियो सामने आ गया, जिसमें वह बोल रहे थे कि बेदीराम किसी भी विभाग में भर्ती करा सकते हैं। इन तीनों वीडियो के सामने आने के बाद सुभासपा अध्यक्ष को सीएम योगी ने तलब किया था।
बता दें कि बेदीराम को 2006 से 2014 के बीच तीन बार एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा वह मध्य प्रदेश की एसटीएफ और राजस्थान की एसओजी के हत्थे भी चढ़ चुके हैं। करीब एक दशक पूर्व बेदीराम को रेलवे समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक करने का मास्टरमाइंड माना जाता था। 2014 में रेलवे भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने पर बेदीराम को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था और उसकी संपत्तियों को कुर्क करने के लिए एसएसपी, लखनऊ को पत्र भी लिखा था, हालांकि उस दौरान कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।