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केराकत। क्षेत्र के ग्राम सरौनी पूरबपट्टी में स्थित वृहद गौ संरक्षण केंद्र इन दिनों निराश्रित गोवंशो के लिये कब्रगाह साबित हो रही है। जहाँ गौशाला के जिम्मेदारो की उदासीनता पूर्ण रवैया के चलते गोवंश बेमौत मर रहे है। 

गौरतलब है कि गौशाला में रह रहे गोवंशो में आधा दर्जन मृत पड़ी गायों के निर्जीव हो चूके शरीर को कुत्ते और कौवे नोंच नोंच कर खा रहे है। वही कुछ अधमरी गायों की आँखो को कौए फोड़कर खा गये है। कुछ मृत गायें जिनके शव को आधे अधूरे जमीन में दबा दिया गया था। गायों के मृत शवों से उठ रही भीषण दुर्गन्ध, सड़न मवेशियों में संक्रामक बीमारियों को फैला रही है।

इस संबंध में गौशाला संरक्षक संध्या सिंह ने कहा कि यह गौशाला गोवंशो की नश्ल सुधार के लिये एक प्रयोग के लिये शुरू किया गया है। परन्तु गौशाला की स्थित देखकर नश्ल सुधार प्रयोग महज ख्याली पुलाव नजर आ रहा है। दुर्व्यवस्था, गन्दगी, के चलते गौशाला निराश्रित गोवंशो के लिये कब्रगाह साबित हो रही है। और संरक्षक के सारे दावे महज हवा हवाई साबित हो रही है।

इस संबंध में पशु चिकित्साअधीक्षक पशु डा जीतेंद्र सिंह ने कहा कि मेरी टीम निरंतर गौशाला पर पहुंचकर मवेशियों का टिकाकरण और विमार गायों का उपचार करती है, मैं स्वयं गौशाल में रह रहे मवेशीयों के स्वास्थ्य पर पैनी नजर रहती है, परन्तु गौशाला में के कर्मचारी 24घण्टे गौशाला में रहते है, मवेशियों के सुरक्षा, चारे-पानी की व्यवस्था और विमार मवेशियों के इलाज कराना उनकी जिम्मेदारी है। लापरवाह गौशाला संरक्षक के उदासीन रवैया के चलते शासन-प्रशासन की गौ संरक्षण की मंशा पर पानी फिर गया है।

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