जौनपुर जिले में मानसून की बारिश शुरू हो चुकी है किसान खरीफ फसलों के लिए अपनी तैयारी कर रहा है, इस खरीफ़ सत्र में दलहन ,तिलहन की फसलों के अलावा धान जैसी मुख्य फसल की खेती की जाती है उसके लिए किसानों को उर्वरक की आवश्यकता पड़ती है परंतु जिले की अधिकारियों की तंद्रा अभी तक नहीं टूटी है ।

मुख्य रूप से उर्वरक का वितरण करने वाले सहकारी समितियां पर यूरिया डीएपी और अन्य फास्फेटिक उर्वरक नदारद  है ।

जिला अधिकारी की समीक्षा बैठक में बताया जाता है कि जिले में उर्वरक की कोई कमी नहीं है परंतु सहकारी समितियां पर छः महीने से अधिक समय के बाद भी यूरिया डीएपी की उपलब्धता नहीं है। 


खुटहन विकास खंड की दशों समितियों पर डीएपी और यूरिया नही है ।

ऐसी ही स्थिति जिले में कमोबेश हर समितियां पर देखी जा रही है । समितियां के व्यापार से वेतन प्राप्त करने वाले समिति कर्मचारियों के भी सामने दाल रोटी का संकट है ।

जिला सहकारी बैंक के साथ सहकारी समितियां के वित्तीय समावेशन से स्थितियां और भी विकट हुई हैं । क्रेडिट लेश जिला सहकारी बैंक को इफको कंपनी बिना भुगतान के खाद देने से इनकार कर रही है ।

और दुर्भाग्य है कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी विभिन्न विभागों के बीच सामंजस्य को स्थापित नहीं कर पा रहे हैं जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है उन्हें खुले बाजार से अधिक मूल्य में और कम विश्वसनीय खाद का प्रयोग करने पर मजबूर होना पड़ रहा है ।

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