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जौनपुर। शास्त्री ब्रिज यानी नये पुल से सटकर गोमती नदी पर बन रहे पुल का पिलर टेढ़ा हो गया। निर्माणाधीन पुल की यह हालत देखकर लोग दहल गये। इस कार्य में लगे मजदूरो ने लोहे की तार से बांधकर पिलर को धराशायी होने से बचाया। लोगों कहना है जब यह हालत अभी है कही पुल बनकर तैयार हो गया होता तो बिहार जैसे पुलों की तरह इसकी भी हालत होती। 

जौनपुर-आजमगढ़ मार्ग को फोर लेन किया जा रहा है पचहटिया तक की सड़के चौड़ी हो गयी है लेकिन शहरी इलाके में गोमती नदी पर बना शास्त्री पुल काफी सकरा है इसी लिए उसके समानांतर करीब 29 करोड़ रूपये की लागत से एक नये पुल का निमार्ण सेतू निर्माण निगम कर रहा है। करीब एक वर्ष से नदी को दोनो छोर पर बड़ा पिलर बनाया जा रहा है। रविवार की रात पानी के बहाव के चलते दोनो पिलर धीरे धीरे धराशायी होने लगे। पुल बनाने में जुटे इंजीनियरों ने आनन फानन में पिलर को लोहे के मोटे तारो से बांध दिया जिसके कारण दोनो स्तम्भ पानी में बहने से बच गया। इस घटना ने पिलर की मजबूती की पोल खोल गया। इस मामले में सेतू निर्माण विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। इस परियोजना लाने का ढ़िढोरा पिटने वाले नगर विधायक व प्रदेश सरकार के मंत्री गिरीश चंद्र यादव से बातचीत करने का प्रयास किया गया तो वे वाराणसी में मुख्यमंत्री की बैठक में शामिल होने गये हुए है। उनके स्थानीय प्रतिनिधि मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि मंत्री जी वाराणसी में है मै उनको इसकी जानकारी देता हूं। उन्होने कहा कि इसी जांच करायी जायेगी यदि निर्माण कार्य में लापरवाही हुई है तो जिम्मेदारो के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।

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