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सुजीत वर्मा ब्यूरो चीफ 

 जौनपुर। जिलाधिकारी रविन्द्र मादड़ ने बताया कि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन राजस्व अनुभाग-9 लखनऊ के निर्देश के क्रम में वरासत अभियान 16 अगस्त द्वारा निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनी में दर्ज करने हेतु 16 अगस्त से 16 अक्टूबर तक दो माह का विशेष अभियान चलाये जाने का निर्देश जारी किया गया है। 

16 अगस्त से 31 अगस्त तक राजस्व/तहसील अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर राजस्व ग्रामों में प्रचार प्रसार तथा खतौनियों का पढ़ा जाना तथा लेखपाल द्वारा वरासत हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हे आनलाईन भरा जाना है। 1 से 15 सितम्बर तक क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा परिषदादेश संख्या 9616/4-34ए/2018 (वरासत) 29.10.2018 में दी गयी व्यवस्था ’’लेखपाल द्वारा आनलाईन जॉच की प्रकिया’’ के अनुसार कार्यवाही किया जाना है। 16 से 30 सितम्बर तक राजस्व निरीक्षकों द्वारा परिषदादेश में दी गयी व्यवस्था ’’राजस्व निरीक्षक जॉच एवं आदेश पारित करने की प्रकिया; के अनुसार कार्यवाही किया जाना, राजस्व निरीक्षक (कार्यालय) द्वारा राजस्व निरीक्षक के नामान्तरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के पश्चात् खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख साफ्टवेयर में अद्यावधिक करना। 1 से 5 अक्टूबर तक जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार तथा उपजिलाधिकारी से इस आशय का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जायेगा कि उनके क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से अवशेष नहीं है। 6 से 13 अक्टूबर तक अभियान के अन्त में जिलाधिकारी द्वारा जनपद की प्रत्येक तहसील के 10 प्रतिशत राजस्व ग्रामों को रैण्डमली चिन्हित करते हुए उनमें अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस तथ्य की जाँच करायी जायेगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण दर्ज होने से बचा नहीं है। 1, 15, 30 सितम्बर को जनपद की प्रगति रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में परिषद की वेबसाइट पर फीड करना एवं राजस्व परिषद द्वारा पाक्षिक रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करायी जायेगी। 16 अक्टूबर को जनपद द्वारा परिषद को निर्धारित प्रारुप पर प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराये जायेंगे।

मुख्य सचिव ने अभियान को सफल बनाने हेतु यह निर्देश दिया कि उपजिलाधिकारी और तहसीलदार का दायित्व होगा कि प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिए उपरोक्तानुसार भ्रमण कार्यकम तैयार करते हुए उसे सभी सम्बन्धित राजस्व निरीक्षकों, लेखपालों को सूचित करें। जिन ग्रामों के अधिकतर काश्तकार अन्य स्थानों पर निवास करते हो, उन ग्रामों पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता होगी। यह भी निर्देश दिया गया है कि उपजिलाधिकारी द्वारा भ्रमण कार्यक्रम की प्रति जिला पंचायत राज अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी सहित अन्य शासकीय विभागों को भी सूचनार्थ एवं यथावांछित सहयोग हेतु प्रेषित की जाए। पंचायती राज विभाग एवं नगर विकास विभाग के अधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया जाए कि वे राजस्व निरीक्षक द्वारा आयोजित ग्राम राजस्व समिति की बैठक में परिवार रजिस्टर, जन्म मृत्यु रजिस्टर सहित अन्य सम्बन्धी अभिलेखों के साथ उपस्थित रहे, ताकि राजस्व अभिलेखों पंचायती राज विभाग एवं नगर विकास विभाग के अभिलेखों में एकरूपता रहे।

उन्होंने निर्देशित किया कि ऐसे काश्तकारों के लिए जो सामान्यतः ग्रामों में निवास नहीं कर रहे हैं या जिनका निर्धारित दिवस पर राजस्व ग्रामों में पहुँचना संभव न हो, उनके लिए प्रत्येक तहसील में एक काउण्टर खोलते हुए अविवादित वरासतों को दर्ज करने हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त किये जायं। उनकी सहायता के लिए हेल्प लाइन तथा जन सुविधा केन्द्रों का भी उपयोग किया जाय। उन्होंने समस्त उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदारों को बताया कि मुख्य सचिव के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करते हुए निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनी में दर्ज करने हेतु चलाये गये अभियान का व्यापक प्रचार प्रसार करायें तथा भ्रमण कार्यकम तैयार कराकर उसकी एक प्रति सम्बन्धित लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षक को उपलब्ध कराते हुये एक प्रति जिलाधिकारी कार्यालय में उपलब्ध करायें तथा एक-एक प्रति जिला पंचायत राज अधिकारी एवं सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी को तत्काल उपलब्ध करायें। उक्त के साथ तहसील स्तर पर एक काउण्टर खोलते हुए अविवादित वरासतों को दर्ज करने हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त किये जाए तथा खोले गये काउण्टर का फोन नम्बर/मोबाईल नम्बर उपलब्ध करायें।

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