एसडीएम के साथ अधिवक्ता संघ की वार्ता के दौरान हुई कहा सुनी 

एसडीएम ने मौके पर बुलवाई फोर्स 

Aawaz News 

मछलीशहर जौनपुर। उप जिलाधिकारी श्रीकेश राय और अधिवक्ताओं के बीच 14 बिंदुओं पर पूर्व निर्धारित वार्ता के क्रम में आज तहसील सभागार में बार बेंच की बैठक बुलाई गई थी।

आरोप है की एसडीएम श्रीकेश राय ने अधिवक्ता संघ के पूर्व महामंत्री अवनीन्द्र कुमार दुबे को कड़े शब्दों में बैठने के लिए कह दिया जो खड़े होकर अपनी समस्या बता रहे थे। उन्होंने डांटते हुए अधिवक्ता को कहा की बैठ जा। यह बात अधिवक्ताओं को काफी नागवार लगी और इसी बात पर अधिवक्ताओं और उप जिलाधिकारी के बीच कहा सुनी हो गई। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने एसडीएम और तहसील प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी इसके बाद एसडीएम अपने चेंबर में पहुंचकर फोर्स बुला लिया। जिससे अधिवक्ता और भड़क गए कुछ ही देर बाद एसडीएम अपनी गाड़ी में बैठकर तहसील से चले गए। अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष दिनेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि आज कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर उप जिलाधिकारी के साथ वार्ता रखी गयी थी, जिसमें सबसे बड़ा मुद्दा था गरीबों किसानों के आवेदन पत्रों पर कोई स्पीकिंग ऑर्डर का नहीं लिखा जाना। कहां की सब कुछ लेखपाल और पुलिस के ऊपर छोड़ दिया जाता है। और हर आवेदन पर सिर्फ एक बात लिखी जाती है जांच कर आवश्यक कार्यवाही करें। जिसके चलते गरीब जनता और वादकारी परेशान है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय कुमार सिंह और महामंत्री वेद प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा की बहस सुन लिए जाने के बाद भी महीनों तक पत्रावलियों में कोई आदेश जारी नहीं होता, न तो आदेशों का अमलदरामद समय से होता है। बीमार अधिवक्ताओं के मुकदमों में तारीख नहीं दी जाती और यह भी बार बेंच के बीच टकराव का एक कारण है। इसी प्रकार धारा 34 की पत्रावलियों में लेखपाल द्वारा रिपोर्ट नहीं दिया जाना, अविवादित वरासतो में लेखपालों द्वारा निस्तारण न किया जाना, तहसीलदार द्वारा पत्रावलियों में आर्डर शीट नहीं लिखा जाना आदि ऐसे महत्वपूर्ण बिंदु थे जिस पर वार्ता होनी थी। 

इस मौके पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, महामंत्री वेद प्रकाश श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष दिनेश चंद्र सिन्हा,यज्ञ नारायण सिंह, अशोक श्रीवास्तव, श्याम सुंदर यादव, केदारनाथ यादव, कुंवर भारत सिंह, जयप्रकाश दुबे, राम सिंह यादव, विनय प्रिय पांडे, इंदु प्रकाश सिंह, राम आसरे द्विवेदी, भरत लाल यादव, रघुनाथ प्रसाद आलोक विश्वकर्मा, बाबूराम, विपिन मौर्य, अच्छे लाल विश्वकर्मा, लालजी यादव दयाराम पाल आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे। 

इस बाबत जब उपजिलाधिकारी श्रीकेश कुमार राय से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि सभी सीनियर अधिवक्ताओं की बात मैं सुन चुका था तो मेरी भी बात उन लोगों को सुनाई चाहिए थी सीनियरों के मना करने पर भी कोई उनकी बात नहीं मान रहा था। इधर से कोई अमर्यादित व्यवहार नहीं किया गया है। जहां तक अधिवक्ताओं के फोर्स बुलाने की बात है तो फोर्स मैं किसी दूस

रे मामले में बुलाया था इससे उसका कोई तालुकात नहीं है।

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