
आगरा में डॉक्टर्स डे के अवसर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा फतेहाबाद रोड के एक होटल में आयोजित संगोष्ठी में हार्ट अटैक और अन्य गंभीर बीमारियों के बढ़ते मामलों पर गहन चर्चा हुई। चिकित्सकों ने हर उम्र के लोगों में हार्ट अटैक, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई।

संगोष्ठी में नौ प्रमुख बिंदुओं पर व्याख्यान दिए गए, जिसमें हार्ट अटैक के कारणों, रोकथाम, और अन्य स्वास्थ्य चुनौतियों पर जोर दिया गया।
हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के कारण
IMA के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जेएन टंडन, डॉ. शम्मी कालरा, डॉ. हिमांशु यादव, और डॉ. पुनीत गुप्ता ने बताया कि भारत में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर युवाओं में। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- खराब जीवनशैली: अनियमित खानपान, उच्च वसा और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन, और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन मोटापा, कोलेस्ट्रॉल, और high blood pressure का कारण बन रहा है।
- बैठा जीवन (Sedentary Lifestyle): शारीरिक गतिविधियों की कमी, खासकर शहरी युवाओं में, हृदय रोगों का खतरा बढ़ा रही है।
- मानसिक तनाव: नौकरी की असुरक्षा, खराब वर्क-लाइफ बैलेंस, और chronic stress हृदय पर दबाव डाल रहे हैं।
- आनुवंशिक कारक: भारतीयों में हृदय रोगों की आनुवंशिक प्रवृत्ति होती है, जिसके कारण हार्ट अटैक 8-10 साल पहले हो रहे हैं।
- धूम्रपान और शराब: तंबाकू और शराब का सेवन, खासकर युवाओं में, हृदय रोगों को बढ़ावा दे रहा है।
- मधुमेह और उच्च रक्तचाप: भारत में 8.8% लोग मधुमेह और 30% लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, जो हार्ट अटैक का प्रमुख कारण हैं।
- मोटापा: पेट का मोटापा (pot belly) भारतीयों में coronary artery disease का एक बड़ा संकेतक है।
- अनदेखी और देरी से जांच: लक्षणों को नजरअंदाज करना और नियमित स्वास्थ्य जांच की कमी के कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है।
- प्रदूषण: वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय कारक भी हृदय रोगों को बढ़ा रहे हैं।
डॉक्टर्स डे संगोष्ठी में अन्य चर्चाएं
- बुजुर्गों में मानसिक स्वास्थ्य: डॉ. टंडन और डॉ. कालरा ने बताया कि अपनों की बेरुखी और एकाकीपन के कारण बुजुर्गों में अवसाद और तनाव बढ़ रहा है, जो हृदय रोगों को और गंभीर बनाता है।
- सेप्सिस और ICU मृत्यु: डॉ. अंकुर गोयल और डॉ. राकेश भाटिया ने कहा कि ICU में सेप्सिस मृत्यु का एक बड़ा कारण है। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण की जरूरत है।
- कैंसर के मामले: डॉ. सुरभि गुप्ता और डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि मुख, स्तन, और सर्वाइकल कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, और अधिकांश मरीज अंतिम चरण में अस्पताल पहुंचते हैं।
- ट्रामा केयर: डॉ. रनवीर त्यागी और डॉ. संजय चतुर्वेदी ने ट्रामा मरीजों के इलाज में आपातकालीन चिकित्सकों और विशेषज्ञों के तालमेल पर जोर दिया।
- बाल यौन शोषण: डॉ. मुकेश भारद्वाज और डॉ. स्वाति द्विवेदी ने बढ़ते मामलों पर सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता बताई।
IMA की पहल और रोकथाम के उपाय
संगोष्ठी में IMA ने हृदय रोगों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए निम्नलिखित पहल की घोषणा की:
- कैंसर स्क्रीनिंग कैंप: घनी आबादी, चौराहों, और कारखानों में कैंसर जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे।
- सीपीआर प्रशिक्षण: सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) अभियान को विस्तार दिया जाएगा, और पुलिस को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
- स्कूलों में जागरूकता: बच्चों को ‘गुड टच-बैड टच’ के बारे में जागरूक करने के लिए स्कूलों में अभियान चलाया जाएगा।
- बुजुर्गों के लिए हेल्पलाइन: बुजुर्गों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए हेल्पलाइन नंबर शुरू करने के लिए प्रशासन से बातचीत होगी।
- युवाओं को प्रेरणा: तंबाकू और शराब से दूरी, नियमित योग, और व्यायाम को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
रोकथाम के उपाय
हार्ट अटैक से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- स्वस्थ आहार: फाइबर, फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और कम वसा वाले भोजन को प्राथमिकता दें। तले हुए और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
- नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता वाला व्यायाम, जैसे तेज चलना या साइकिलिंग, करें।
- तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान, और गहरी सांस लेने की तकनीकों से तनाव कम करें।
- नियमित जांच: रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, और मधुमेह की नियमित जांच कराएं, खासकर यदि परिवार में हृदय रोग का इतिहास हो।
- धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान और तंबाकू का उपयोग बंद करें, और शराब का सेवन सीमित करें।
- वजन नियंत्रण: स्वस्थ वजन बनाए रखें, क्योंकि मोटापा हृदय रोगों का प्रमुख जोखिम कारक है।
- लक्षणों पर ध्यान: सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, या ठंडा पसीना जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
सामाजिक प्रभाव और चुनौतियां
चिकित्सकों ने चेतावनी दी कि भारत में हार्ट अटैक के मामले 8-10 साल पहले हो रहे हैं, और 50% मामले 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों में देखे जा रहे हैं। यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का संकेत है। शहरीकरण, पश्चिमी जीवनशैली, और जागरूकता की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। संगोष्ठी में उपस्थित डॉ. अनूप दीक्षित, डॉ. रजनीश मिश्रा, और डॉ. पंकज नगायच ने सभी से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और नियमित स्वास्थ्य जांच को प्राथमिकता देने की अपील की।
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