एक रिपोर्ट के अनुसार, हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी द्वारा 300 पन्नों की रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सिकंदराराऊ के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और सर्कल ऑफिसर (सीओ) समेत छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया। रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहे, जिसके कारण 121 से अधिक लोगों की जान चली गई।

धार्मिक समागम के आयोजन को गंभीरता से न लेने के कारण राज्य सरकार ने सिकंदरा राव के एसडीएम, तहसीलदार, सीओ, एसएचओ और दो पुलिस चौकी प्रमुखों को निलंबित कर दिया। जांच में पता चला कि एसडीएम ने स्थल का निरीक्षण किए बिना ही आयोजन की अनुमति दे दी थी। एसआईटी ने सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में यूपी के हाथरस में हुई भगदड़ का कारण अत्यधिक भीड़ को बताया है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्संग का आयोजन करने वाली समिति अनुमत संख्या से अधिक लोगों को बुलाने के लिए जिम्मेदार थी। इसके अलावा, उन्होंने पर्याप्त व्यवस्था नहीं की थी और सभा आयोजित करने से पहले मौके का निरीक्षण नहीं किया गया था।

सत्संग में 2 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे, जबकि प्राधिकारियों ने केवल 80,000 लोगों के लिए अनुमति मांगी थी। इंडिया टुडे के अनुसार, रिपोर्ट में 119 व्यक्तियों के बयान शामिल हैं, जिनमें हाथरस के जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल, उप मंडल मजिस्ट्रेट और 2 जुलाई की भगदड़ के दौरान ड्यूटी पर मौजूद विभिन्न पुलिस अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा, प्रभावित परिवारों के बयान भी एसआईटी रिपोर्ट में शामिल किए गए हैं। इससे पहले, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग ने कई प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए थे।

6 जुलाई को स्वयंभू बाबा भोले बाबा उर्फ ​​सूरज पाल सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मामले में दर्ज पहली एफआईआर में उनका नाम नहीं था। हालांकि, भोले बाबा के वकील ने दावा किया कि कुछ अज्ञात बदमाशों ने कार्यक्रम के दौरान जहरीली गैस का छिड़काव किया, जिससे भगदड़ मच गई। उन्होंने दावा किया कि अराजकता फैलाने के बाद साजिशकर्ताओं का समूह कार्यक्रम स्थल से भाग गया।

2 जुलाई को हाथरस में हुई भगदड़ के मुख्य संदिग्ध देव प्रकाश मधुकर को 5 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया। पिछले हफ़्ते यूपी के हाथरस में भोले बाबा को समर्पित एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान 121 लोगों की हत्या कर दी गई थी। यह घटना कथित तौर पर तब हुई जब भोले बाबा के समर्थक उनके द्वारा पार किए गए रास्ते से मिट्टी इकट्ठा करने की जल्दी में थे।

कई दिनों तक चुप रहने के बाद भोले बाबा ने शनिवार को अपने कार्यक्रम में हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया और कहा कि अराजकता फैलाने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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