
9 सितंबर 2025 को सोने की कीमत ने नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए पहली बार 1,10,047 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर पार किया। घरेलू वायदा बाजार (MCX) में सोने की कीमत में 458 रुपये की तेजी दर्ज की गई, जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की बढ़ती मांग, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी, और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं का परिणाम है।

निवेशकों में इस ऐतिहासिक उछाल को लेकर भारी उत्साह है, लेकिन विशेषज्ञों ने कीमतों में संभावित उतार-चढ़ाव को देखते हुए सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
सोने की कीमत में उछाल के कारण
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी: वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें 3,233 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। अमेरिका-चीन व्यापार तनाव, राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा हाल ही में बढ़ाए गए टैरिफ, और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी ने सोने को सुरक्षित निवेश (सेफ हेवन) के रूप में और आकर्षक बना दिया है।
- अमेरिकी आर्थिक आंकड़े: कमजोर अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों, जैसे बेरोजगारी दर में वृद्धि और मंदी की आशंकाओं ने निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित किया है। UBS और बैंक ऑफ अमेरिका ने 2025 के लिए सोने का लक्ष्य 3,500 डॉलर प्रति औंस कर दिया है।
- भारतीय रुपये का अवमूल्यन: भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के बीच विनिमय दर में कमजोरी ने भारत में सोने की कीमतों को और बढ़ाया। रुपये के कमजोर होने से आयात लागत बढ़ती है, जिसका असर स्थानीय कीमतों पर पड़ता है।
- मौसमी मांग: भारत में शादी और त्योहारी सीजन (दिवाली और दशहरा) नजदीक होने के कारण सोने की मांग में वृद्धि हुई है, जिसने कीमतों को और समर्थन दिया।
वर्तमान कीमत और रुझान
- MCX पर सोना: मंगलवार, 9 सितंबर 2025 को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना 1,10,047 रुपये प्रति 10 ग्राम (24 कैरेट) पर बंद हुआ। यह पिछले दिन के 1,09,589 रुपये से 458 रुपये की वृद्धि है।
- 22 कैरेट सोना: 22 कैरेट सोने की कीमत 1,00,876 रुपये प्रति 10 ग्राम रही।
- पिछले रुझान: 2024 में सोने की औसत कीमत 64,070 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो 2025 में बढ़कर 94,630 रुपये तक पहुंच गई थी। सितंबर में यह 1,10,047 रुपये के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचा।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
पिछले कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि देखी गई है:
- 2010: 18,500 रुपये प्रति 10 ग्राम
- 2020: 48,651 रुपये प्रति 10 ग्राम
- 2024: 64,070 रुपये प्रति 10 ग्राम
- 2025: 1,10,047 रुपये प्रति 10 ग्राम (9 सितंबर)
पिछले 10 वर्षों में सोने की कीमत में लगभग 600% की वृद्धि हुई है, जो इसे मुद्रास्फीति के खिलाफ एक मजबूत निवेश विकल्प बनाती है।
निवेशकों के लिए सलाह
- उत्साह के बीच सतर्कता: विशेषज्ञों का कहना है कि सोने की कीमतों में तेज उछाल के बाद उतार-चढ़ाव संभव है। वैश्विक आर्थिक नीतियां, जैसे अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि, सोने की कीमतों पर दबाव डाल सकती हैं।
- निवेश विकल्प: सोने में निवेश के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGB), गोल्ड ETF, और डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्प उपलब्ध हैं। SGB में पूंजीगत लाभ कर से छूट और 2.5% वार्षिक ब्याज का लाभ मिलता है।
- जोखिम प्रबंधन: निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का 10-15% हिस्सा सोने में रखने की सलाह दी जाती है ताकि जोखिम को संतुलित किया जा सके।
भविष्य के रुझान
- अल्पकालिक: विशेषज्ञों का अनुमान है कि वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और मुद्रास्फीति के कारण सोने की कीमतें अगले कुछ महीनों में 1,15,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं।
- दीर्घकालिक: कुछ विश्लेषकों का मानना है कि 2027 तक सोने की कीमत 1,46,612 रुपये तक जा सकती है, अगर अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव और वैश्विक मंदी की आशंकाएं बनी रहती हैं।
सोने की कीमत का 1.10 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार करना भारतीय निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह उछाल वैश्विक और घरेलू कारकों का संयुक्त परिणाम है। हालांकि, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार के रुझानों पर नजर रखें और विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर निवेश करें। सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प बना हुआ है, लेकिन उतार-चढ़ाव के जोखिम को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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