
भारतीय बाजार में सोने की कीमतों में बुधवार (10 सितंबर 2025) को गिरावट देखी गई, जो हाल की तेजी के बाद मुनाफावसूली और भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते की उम्मीदों से प्रेरित है। MCX पर अक्टूबर वायदा अनुबंध 0.24% गिरकर ₹1,08,775 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जो रिकॉर्ड ऊंचाई ₹1,09,480 से नीचे आ गया।

दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,08,543 प्रति 10 ग्राम रही, जबकि 22 कैरेट ₹99,513 पर ट्रेड कर रहा है। वैश्विक स्तर पर स्पॉट गोल्ड $3,662.92 प्रति औंस पर 0.60% ऊपर था, लेकिन डॉलर की मजबूती ने दबाव बनाया।
गिरावट के मुख्य कारण
- मुनाफावसूली (Profit Booking): सोने ने 2025 में अब तक 25% से अधिक की तेजी दिखाई है, जो जियोपॉलिटिकल तनावों, सेंट्रल बैंक खरीदारी और US फेड रेट कट उम्मीदों से प्रेरित थी। हाल की रैली के बाद निवेशक ऊंचे स्तरों पर लाभ बुक कर रहे हैं, जिससे शॉर्ट-टर्म करेक्शन आया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि RSI इंडिकेटर 75 के ऊपर ओवरबॉट जोन में है, जो प्रॉफिट बुकिंग को ट्रिगर कर सकता है।
- भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीदें: US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ लगाने के बाद, भारत के साथ व्यापार वार्ता तेज हो गई है। एक संभावित डील (जिसमें टैरिफ 15% तक सीमित हो सकता है) से वैश्विक व्यापार तनाव कम होने की उम्मीद है, जो सोने की सेफ-हेवन डिमांड घटा रही है। ट्रंप ने हाल ही में 12 देशों को टैरिफ लेटर भेजे हैं, लेकिन भारत के साथ ‘मिनी ट्रेड डील’ की खबरें बाजार को सतर्क कर रही हैं। इससे इक्विटी मार्केट में तेजी आई, जो सोने पर दबाव डाल रही है।
- अन्य कारक: US जॉब डेटा कमजोर आने से फेड की 17 सितंबर को 25 bps रेट कट की संभावना 90% हो गई, जो सोने के लिए सकारात्मक है, लेकिन इन्फ्लेशन डेटा (CPI/PPI) का इंतजार कर रहा बाजार सतर्क है। डॉलर इंडेक्स की मजबूती और स्टॉक मार्केट की रिकवरी ने भी सोने को प्रभावित किया।
बाजार का आउटलुक और ट्रेडिंग टिप्स
एक्सपर्ट्स का लॉन्ग-टर्म व्यू बुलिश है, लेकिन शॉर्ट-टर्म में वोलेटाइलिटी बनी रहेगी। MCX गोल्ड का सपोर्ट ₹1,08,350-₹1,07,600 पर है, जबकि रेजिस्टेंस ₹1,09,600-₹1,10,100। यदि ₹1,08,000 से नीचे बंद हुआ, तो और गिरावट (₹1,06,500 तक) संभव। सिल्वर का सपोर्ट ₹1,23,500 पर है।
- बाय ऑन डिप्स: ₹1,08,000 के पास खरीदें, टारगेट ₹1,10,000, स्टॉप-लॉस ₹1,07,500। लॉन्ग-टर्म में 2025 अंत तक ₹1,15,000 का अनुमान।
- प्रॉफिट बुकिंग: ऊंचे स्तरों पर बेचें, लेकिन सेंट्रल बैंक खरीदारी (2025 में 900 टन) और जियोपॉलिटिकल रिस्क से तेजी बरकरार रह सकती है।
भारतीय निवेशकों के लिए सोना अभी भी डायवर्सिफिकेशन का अच्छा विकल्प है, लेकिन ट्रेड डील की पुष्टि का इंतजार करें। GST 3% और इंपोर्ट ड्यूटी 15% के साथ, फिजिकल गोल्ड खरीदने से पहले लोकल प्रीमियम चेक करें।
The post सोने की कीमतों में नरमी: मुनाफावसूली और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की उम्मीदों से क़ीमत हुई इतनी appeared first on Live Today | Hindi News Channel.