उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद भड़की हिंसा के लगभग दो महीने बाद भी पुलिस 91 आरोपियों की तलाश में है।
संभल की एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को 24 फरार आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किए, जो कथित तौर पर पिछले साल नवंबर में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद शहर में बड़े पैमाने पर भड़की हिंसा से जुड़े हैं।
संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने शुक्रवार को बताया, “हमने 60 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें छह महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्होंने उस दिन पुलिस पर अपनी छतों से पत्थरबाजी की थी। हिंसा में शामिल होने के लिए 91 से अधिक अपराधी पुलिस की रडार पर हैं। उन्होंने या तो दूसरे राज्यों में या फिर आस-पास के जिलों में अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले रखी है। हमें कल स्थानीय अदालत से 24 गैर जमानती वारंट मिले हैं। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”
पिछले वर्ष 24 नवंबर को भड़की हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी और पुलिस अधिकारियों सहित कई अन्य घायल हो गए थे। यह हिंसा तब भड़की थी जब अदालत ने यह पता लगाने के लिए मस्जिद का दूसरा सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था कि क्या यह मंदिर तोड़कर बनाई गई थी। गुरुवार को पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के ज़रिए पहचान करने के बाद 28 वर्षीय मोहसिन और 32 वर्षीय हुसैन को गिरफ़्तार कर लिया। उन पर मस्जिद के पास हिंदूपुरा खेड़ा इलाके में हिंसा भड़काने का आरोप है।
गिरफ्तार किए गए 60 आरोपियों में दीपा सराय इलाके का निवासी 30 वर्षीय अदनान मोहम्मद भी शामिल है, जिसने हिंसा के दौरान एसपी पर कथित तौर पर गोली चलाई थी। उसे नई दिल्ली के बटला हाउस से गिरफ्तार किया गया । पुलिस ने 45 वर्षीय जिकरा खातून को भी गिरफ्तार किया है, जिसने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर कथित तौर पर पथराव किया था।
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