
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव ने हाल ही में एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि 2017 में सपा से अलग होने के बाद वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संपर्क में थे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें 2022 में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री पद का प्रस्ताव दिया था और दिल्ली में मुलाकात के लिए बुलाया था। हालांकि, शिवपाल ने इस ऑफर को ठुकरा दिया, क्योंकि उन्हें BJP की मंशा पर भरोसा नहीं था।
BJP के साथ संपर्क और ऑफर
शिवपाल ने खुलासा किया कि 2017 से ही वे BJP के संपर्क में थे, और अमित शाह ने उन्हें योगी सरकार में शामिल होने का ऑफर दिया था। उन्होंने कहा, “अमित शाह ने मुझे दिल्ली बुलाया था, लेकिन मैं नहीं गया। मेरे मन में मंत्री बनने की इच्छा नहीं थी, वरना मैं चला जाता। मैं हमेशा समाजवादी रहा, मुझे वहां क्या मिल जाता?” शिवपाल ने यह भी दावा किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अमित शाह के कहने पर फिरोजाबाद से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
उन्होंने BJP की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी मंशा यादव परिवार में फूट डालकर सपा को कमजोर करने और उसका राजनीतिक फायदा उठाने की थी।
सपा से मतभेद और अलग पार्टी का गठन
शिवपाल ने बताया कि अखिलेश यादव से अनबन के बाद 2018 में उन्होंने मुलायम सिंह यादव (नेताजी) की सलाह पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाई थी। मुलायम ने उन्हें सुझाव दिया था कि अगर अखिलेश बात करने को तैयार नहीं हैं, तो अपनी अलग पार्टी बनाएं। शिवपाल ने कहा, “नेताजी ने मुझे आशीर्वाद दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर अखिलेश तुमसे बात नहीं कर रहा, तो अपनी पार्टी बना लो।” हालांकि, 2022 में शिवपाल ने अपनी पार्टी का सपा में विलय कर लिया और फिर से अखिलेश के साथ काम शुरू किया।
रामगोपाल यादव से रिश्ते
शिवपाल ने अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव के साथ संबंधों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि पहले के मुकाबले अब उनके रिश्ते बेहतर हो गए हैं। “जब हम मिलते हैं, तो अच्छे माहौल में बात होती है। पहले की तरह तनाव नहीं रहा।” यह बयान सपा के भीतर पारिवारिक एकता की दिशा में सकारात्मक संकेत देता है।
बाराबंकी कांड और शिक्षा माफिया पर रुख
हाल ही में बाराबंकी के श्रीराम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में हुए लाठीचार्ज कांड के संदर्भ में शिवपाल यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने X पर लिखा कि शिक्षा माफिया के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर छात्रों पर लाठीचार्ज और बुलडोजर की कार्रवाई को “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया। उन्होंने कहा कि सपा सरकार बनने पर शिक्षा माफिया पर सख्त कार्रवाई होगी और छात्रों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।
शिवपाल यादव का यह खुलासा बिहार और उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सपा के लिए महत्वपूर्ण है। 2022 में सपा में वापसी के बाद शिवपाल ने अखिलेश के साथ मिलकर पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम किया है। उनके इस बयान से BJP पर सपा के नेताओं को तोड़ने का आरोप मजबूत हुआ है, जिसे विपक्षी गठबंधन (INDIA Alliance) बिहार और यूपी में अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर सकता है।
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