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विश्वास कुमार रमेश का चमत्कारी बचाव: सीट 11A पर बैठे एकमात्र जीवित बचे यात्री ने बताई अहमदाबाद विमान हादसे की कहानी

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हमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाले एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट AI171) के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद केवल एक यात्री, विश्वास कुमार रमेश (40), जीवित बचे। विश्वास, जो सीट 11A पर बैठे थे, ने बताया कि कैसे वह उस भीषण हादसे से चमत्कारिक रूप से बच निकले, जिसमें 241 यात्री और चालक दल के सदस्यों सहित कुल 265 लोगों की मौत हो गई।

विश्वास कुमार रमेश, एक ब्रिटिश नागरिक, जो मूल रूप से भारत के दीव के रहने वाले हैं, ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान अपनी आपबीती साझा की। उन्होंने बताया कि टेकऑफ के 30 सेकंड बाद ही विमान में एक जोरदार धमाका हुआ, और विमान तेजी से नीचे गिरने लगा। उनकी सीट, जो इमरजेंसी एग्जिट (11A) के पास थी, विमान के टूटने के कारण अलग हो गई और वह सीट के साथ ही मलबे से बाहर फेंके गए।

विश्वास ने डीडी न्यूज को बताया, “विमान टूट गया, और मेरी सीट अलग हो गई। मैं सीट बेल्ट के साथ ही बाहर फेंका गया। जहां मैं गिरा, वह जगह जमीन के करीब थी। मैंने सीट बेल्ट खोली और एक पल के लिए मुझे लगा कि मैं मर जाऊंगा। लेकिन मैंने बाहर निकलने की कोशिश की।” उन्होंने कहा कि विमान के दरवाजे टूट चुके थे, जिससे वह पैदल बाहर निकल सके।

उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, “टेकऑफ के 5-10 सेकंड बाद विमान हवा में अटक सा गया। अचानक लाइट्स टिमटिमाने लगीं—हरी और सफेद—और फिर विमान किसी इमारत से टकरा गया। मैंने इमरजेंसी एग्जिट देखा और सोचा कि मैं बाहर निकल सकता हूं। मैंने कोशिश की और निकल गया।” विश्वास ने कहा, “मुझे नहीं पता मैं कैसे बच गया। मेरे सामने लोग मर रहे थे—एयर होस्टेस, मेरे पास बैठे दो लोग। मैं मलबे से बाहर निकला।”

विश्वास ने यह भी बताया कि उन्हें सीट से कूदना नहीं पड़ा, बल्कि उनकी सीट का हिस्सा जमीन पर गिरा, जिससे वह आग की लपटों से बचे। उनके सीने, आंखों और पैरों पर “इम्पैक्ट इंजरी” हुईं, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी हालत को खतरे से बाहर बताया।

वायरल वीडियो और स्थिति:
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें खून से सना और चोटिल विश्वास मलबे से लंगड़ाते हुए एम्बुलेंस की ओर जाते दिख रहे हैं। लोग उनसे विमान में बाकी यात्रियों के बारे में सवाल पूछ रहे थे। वह वर्तमान में सिविल अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में निगरानी में हैं। डॉ. धवल गमेती ने बताया, “वह भटके हुए और चोटिल थे, लेकिन उनकी जान को खतरा नहीं है।” डॉ. राजनिश पटेल, सर्जरी विभाग के प्रमुख, ने कहा, “वह आरामदायक स्थिति में हैं और जल्द ही ठीक हो सकते हैं।”

फ्लाइट AI171 ने 12 जून 2025 को दोपहर 1:38 बजे (8:08 UTC) अहमदाबाद से उड़ान भरी थी। फ्लाइटराडार24 के अनुसार, विमान ने टेकऑफ के बाद केवल 625 फीट की ऊंचाई हासिल की और 30 सेकंड बाद सिग्नल खो गया। विमान मेघानी नगर के बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराया, जिसके बाद एक विशाल आग का गोला उठा। विमान में 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे।

पायलट, कैप्टन सुमीत सभरवाल (60), ने टेकऑफ के तुरंत बाद ‘मेडे’ कॉल जारी की, जो पूर्ण आपातकाल का संकेत था। विमान के मलबे के हिस्से—लैंडिंग गियर, फ्यूजलेज और पूंछ—हॉस्टल की इमारत में धंस गए। हादसे में जमीन पर कम से कम 24 लोगों की मौत हुई, जिनमें मेडिकल छात्र और एक सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टर की पत्नी शामिल हैं।

विश्वास अपने बड़े भाई अजय कुमार रमेश (45) के साथ गुजरात में परिवार से मिलने आए थे और दोनों लंदन लौट रहे थे। अजय सीट 11J पर बैठे थे। विश्वास ने अस्पताल में कहा, “हम दीव गए थे। वह मेरे साथ यात्रा कर रहा था, और अब मैं उसे ढूंढ नहीं पा रहा। कृपया उसे ढूंढने में मदद करें।” उनके छोटे भाई नयन कुमार रमेश (27) ने लेस्टर, यूके से बीबीसी को बताया, “विश्वास का बचना चमत्कार है, लेकिन अजय का न मिलना असहनीय है। विश्वास को नहीं पता कि वह विमान से कैसे बाहर निकले।”

विश्वास ने हादसे के तुरंत बाद अपने पिता को वीडियो कॉल किया और कहा, “विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मैं नहीं जानता कि अजय कहां है। मुझे नहीं पता कि मैं कैसे जिंदा हूं।”

जांच और प्रतिक्रिया:
विमान का ब्लैक बॉक्स और डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर बरामद कर लिया गया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की जांच में अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) भी सहायता कर रहा है। प्रारंभिक अटकलों में डबल इंजन फेल्योर, बर्ड स्ट्राइक या विंग फ्लैप्स की गलत स्थिति को संभावित कारण बताया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 जून को हादसास्थल का दौरा किया और विश्वास से सिविल अस्पताल में मुलाकात की। उन्होंने X पर लिखा, “अहमदाबाद की त्रासदी ने हमें स्तब्ध कर दिया। मेरी संवेदनाएं प्रभावित लोगों के साथ हैं।” गुजरात सरकार ने शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपलिंग सेंटर स्थापित किया है।

एयर इंडिया ने अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली और गैटविक हवाई अड्डों पर सहायता केंद्र स्थापित किए हैं। बोइंग के सीईओ केली ऑर्टबर्ग ने कहा, “हमारी संवेदनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं। हम जांच में पूरा सहयोग करेंगे।”

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