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लखनऊ-कानपुर ट्रैक अपग्रेड पूरा, जून से 120 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें, लखनऊ से कानपूर लगेगा इतना वक़्त

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कानपुर और लखनऊ के बीच रेल यात्रा का समय अब घटकर केवल 45 मिनट रह गया है। उत्तर रेलवे ने कानपुर-लखनऊ रेल खंड (72 किमी) पर ट्रैक सुधार का कार्य पूरा कर लिया है, जिससे जून 2025 से ट्रेनें 120 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी। पहले इस रूट पर यात्रा में 75-90 मिनट लगते थे। इस अपग्रेड से रोजाना यात्रा करने वाले करीब 60,000 यात्रियों को बड़ा लाभ होगा।

ट्रैक सुधार और रफ्तार :

  • ट्रैक अपग्रेड: दिसंबर 2024 में रेलवे अधिकारियों ने इस खंड का निरीक्षण किया था, जिसके बाद ट्रैक को 120 किमी/घंटा की रफ्तार के लिए उपयुक्त बनाने का काम शुरू हुआ। ट्रैक की मजबूती, स्लीपर बदलाव, और सिग्नलिंग सिस्टम को अपग्रेड किया गया।
  • परीक्षण सफल: स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस, चित्रकूट एक्सप्रेस, और IRCTC तेजस एक्सप्रेस जैसी सुपरफास्ट ट्रेनों का 120 किमी/घंटा की रफ्तार से試験 किया गया, जिसमें परिचालन बेहतर पाया गया।
  • लाभ: रफ्तार बढ़ने से समय की बचत होगी, खासकर दैनिक यात्रियों, छात्रों, और नौकरीपेशा लोगों के लिए। यह रूट उत्तर प्रदेश के दो प्रमुख औद्योगिक और प्रशासनिक शहरों को जोड़ता है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

शुक्लागंज गंगा पुल की मरम्मत:

  • पुल का काम: शुक्लागंज (उन्नाव) में गंगा नदी पर बने 140 साल पुराने रेलवे पुल की मरम्मत अप्रैल 2025 तक पूरी हो चुकी है। इस दौरान प्रतिदिन 9 घंटे का मेगा ब्लॉक लिया गया था।
  • सुधार: पुराने स्लीपरों की जगह एच-बीम स्लीपर लगाए गए, जिससे पुल की वहन क्षमता बढ़ी। अब ट्रेनें इस पुल से 10 किमी/घंटा की बजाय 45 किमी/घंटा की रफ्तार से गुजरेंगी।
  • प्रभाव: इस पुल की मरम्मत से रूट की सबसे कमजोर कड़ी को मजबूत किया गया, जिससे पूरी यात्रा में रफ्तार सुसंगत रहेगी।

रेलवे अधिकारियों का बयान

कानपुर सेंट्रल के निदेशक आशुतोष सिंह ने कहा, “ट्रेनों की गति बढ़ाने का काम लंबे समय से चल रहा था। अब कार्य पूरा होने के बाद रफ्तार बढ़ाई जाएगी, जिससे यात्रियों को काफी सहूलियत होगी।” रेलवे ने इस रूट को प्राथमिकता दी, क्योंकि यह व्यस्ततम रेल खंडों में से एक है।

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव:

  • यात्रियों को लाभ: रोजाना 60,000 यात्री इस रूट का उपयोग करते हैं। समय की बचत से उनकी उत्पादकता बढ़ेगी।
  • आर्थिक विकास: कानपुर और लखनऊ के बीच तेज कनेक्टिविटी से व्यापार, उद्योग, और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
  • वंदे भारत की संभावना: रेलवे सूत्रों के अनुसार, भविष्य में इस रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की योजना है, जो यात्रा समय को और कम कर सकती है।

संदर्भ और तुलना:

  • पिछले प्रयास: 2019 में इस रूट पर 110 किमी/घंटा की रफ्तार शुरू की गई थी, लेकिन पुराने ट्रैक और गंगा पुल की स्थिति के कारण इसे पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका।
  • अन्य रेल खंड: हाल ही में चिनाब रेलवे ब्रिज (6 जून 2025 को उद्घाटन) और दिल्ली-हावड़ा रूट पर भी रफ्तार बढ़ाने के प्रयास हुए हैं, जो भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण का हिस्सा हैं।
  • सुरक्षा: ट्रैक अपग्रेड के साथ कवच सिस्टम (स्वचालित ट्रेन सुरक्षा) को भी लागू करने की योजना है, जिससे दुर्घटनाओं का जोखिम कम होगा।

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