
रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से शुरू हुए युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 अगस्त 2025 को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की, जिसके बाद 18 अगस्त को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की व्हाइट हाउस पहुंचे।

इस मुलाकात के दौरान जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने दावा किया कि ट्रंप ने पुतिन को जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए मना लिया है, जो अगले दो हफ्तों के भीतर हो सकती है।
जर्मन चांसलर का बयान
मर्ज, जो यूरोपीय नेताओं के उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जो जेलेंस्की का समर्थन करने वॉशिंगटन गए थे, ने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूसी राष्ट्रपति से फोन पर बात की और सहमति बनी कि अगले दो हफ्तों में पुतिन और जेलेंस्की के बीच एक बैठक होगी।” उन्होंने यह भी बताया कि ट्रंप ने इसके बाद एक त्रिपक्षीय बैठक (ट्रंप, पुतिन और जेलेंस्की) के लिए भी निमंत्रण देने पर सहमति जताई है। हालांकि, मर्ज ने चेतावनी दी कि “हमें नहीं पता कि पुतिन में इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने का साहस होगा या नहीं, इसलिए उन्हें समझाने की जरूरत है।”
ट्रंप की रणनीति और यूरोपीय नेताओं की प्रतिक्रिया
ट्रंप ने अलास्का में पुतिन के साथ मुलाकात के बाद अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए युद्धविराम (सीजफायर) के बजाय स्थायी शांति समझौते पर जोर दिया। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा, “युद्ध को समाप्त करने का सबसे अच्छा तरीका एक स्थायी शांति समझौता है, क्योंकि युद्धविराम अक्सर टिकाऊ नहीं होते।” यह दृष्टिकोण यूक्रेन और यूरोपीय सहयोगियों की उस मांग के खिलाफ है, जो पहले युद्धविराम और फिर शांति वार्ता चाहते हैं।
जर्मन चांसलर मर्ज और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने इस बात पर जोर दिया कि शांति वार्ता से पहले युद्धविराम जरूरी है। मर्ज ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि अगली बैठक बिना युद्धविराम के हो सकती है। रूस पर दबाव डालना जरूरी है, क्योंकि इन प्रयासों की विश्वसनीयता युद्धविराम पर निर्भर करती है।”
जेलेंस्की की मांगें और सुरक्षा गारंटी
जेलेंस्की ने व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ मुलाकात को “रचनात्मक” बताया और कहा कि वे पुतिन के साथ किसी भी प्रारूप में बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने यूक्रेन की प्रमुख मांगों पर जोर दिया, जिसमें तत्काल युद्धविराम, रूसी सैनिकों की वापसी, अपहृत यूक्रेनी बच्चों की वापसी और मजबूत सुरक्षा गारंटी शामिल हैं। जेलेंस्की ने बताया कि सुरक्षा गारंटी के लिए 10 दिनों के भीतर एक औपचारिक पैकेज तैयार किया जाएगा, जिसमें 90 अरब डॉलर के अमेरिकी हथियारों की खरीद का प्रस्ताव भी शामिल है।
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय देश मिलकर यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी सुनिश्चित करेंगे, लेकिन यूरोप को इसकी मुख्य जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि शांति समझौते को लागू करने के लिए अमेरिकी सैनिकों की तैनाती संभव है।
पुतिन की शर्तें और यूक्रेन का रुख
पुतिन ने अलास्का में ट्रंप के साथ चर्चा में डोनेट्स्क क्षेत्र से यूक्रेनी सेना की वापसी और ज़ापोरिज़िया व खेरसन में युद्ध रेखाओं को फ्रीज करने का प्रस्ताव रखा। रूस पहले से ही डोनेट्स्क का 70% और क्रीमिया पर कब्जा किए हुए है। यूक्रेन ने इन शर्तों को “आत्मसमर्पण” के समान बताते हुए खारिज कर दिया। जेलेंस्की ने कहा कि डोनेट्स्क के “किले शहर” जैसे स्लोवियान्स्क और क्रामाटोर्स्क रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं और इन्हें छोड़ना संभव नहीं है।
चुनौतियाँ और अगले कदम
यूरोपीय नेताओं ने ट्रंप के प्रयासों की सराहना की, लेकिन वे चिंतित हैं कि ट्रंप पुतिन के प्रभाव में आकर यूक्रेन पर रियायतों के लिए दबाव डाल सकते हैं। यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा, “यूक्रेन के बिना यूक्रेन के भविष्य पर कोई फैसला नहीं होना चाहिए।” मर्ज ने भी इस बात पर जोर दिया कि यूरोपीय और यूक्रेनी सुरक्षा हितों को संरक्षित करना जरूरी है।
हालांकि, रूस ने अभी तक इस बैठक की पुष्टि नहीं की है, और क्रेमलिन के सहायक यूरी उशाकोव ने केवल इतना कहा कि उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों की बैठक की संभावना पर विचार किया जा सकता है। इस बीच, यूक्रेन ने बताया कि 18 अगस्त को रूस ने क्रेमेंचुक, खार्किव और पोल्टावा में मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिससे शांति वार्ता की राह और जटिल हो गई है।
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