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यूपी: 8300 स्कूलों के ऊपर से हटेंगे हाईटेंशन तार, बेसिक शिक्षा विभाग ने ऊर्जा विभाग को भेजा पत्र

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उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन बिजली लाइनों को हटाने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने ऊर्जा विभाग को पत्र भेजकर इन तारों को तत्काल हटाने के लिए कार्रवाई शुरू करने को कहा है। प्रदेश में लगभग 8,300 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जिनके परिसर के ऊपर से हाईटेंशन तार गुजर रहे हैं, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं।

इस मुद्दे को लेकर लंबे समय से पत्राचार और चर्चा चल रही थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

हाईटेंशन तारों का खतरा

हाईटेंशन लाइनों का स्कूलों के ऊपर से गुजरना बच्चों और स्कूल कर्मचारियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। हाल ही में शाहजहाँपुर के कुंडरिया गाँव में कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे के हाईटेंशन लाइन से छूने से दो श्रद्धालुओं की मौत और 10 लोगों के झुलसने की घटना ने इस खतरे को फिर से उजागर किया है। इसके अलावा, 2019 में बलरामपुर में एक प्राथमिक स्कूल में हाईटेंशन तार गिरने से 51 बच्चे घायल हो गए थे, और बाराबंकी में 2023 में एक स्कूल में बिजली के तार से करंट लगने से 10 वर्षीय छात्रा की मौत हो गई थी।

बेसिक शिक्षा विभाग का पत्र

बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजकर 8,300 स्कूलों के ऊपर से हाईटेंशन तार हटाने की तत्काल कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया है। पत्र में कहा गया है कि यह कार्य बच्चों की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। लंबे समय से इस मुद्दे पर जिला स्तर पर बजट की कमी का हवाला दिया जा रहा था, लेकिन वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बेसिक शिक्षा और ऊर्जा विभाग ने इसके लिए बजट प्रावधान किया है। ऊर्जा विभाग ने इस कार्य के लिए 80 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।

मुख्यमंत्री के निर्देश और कमेटी का गठन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में बेसिक शिक्षा से जुड़ी एक समीक्षा बैठक में हाईटेंशन तारों को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उनके निर्देश के बाद ऊर्जा विभाग ने सभी जिलों में जिलाधिकारी (डीएम) की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का फैसला किया है। यह कमेटी स्कूलों का स्थलीय निरीक्षण करेगी और हाईटेंशन तारों को हटाने के लिए अभियान चलाएगी। इस अभियान में बिजली लाइनों को भूमिगत करने या उनकी ऊँचाई बढ़ाने जैसे विकल्पों पर विचार किया जाएगा।

कार्रवाई में देरी के कारण

हालांकि इस मुद्दे पर पहले भी पत्राचार और चर्चाएँ हो चुकी हैं, लेकिन बजट की कमी और समन्वय की कमी के कारण कार्यवाही में देरी हुई। 2023 में बेसिक शिक्षा विभाग ने ऊर्जा विभाग को 8,300 स्कूलों की सूची सौंपी थी, लेकिन जिला स्तर पर धन की अनुपलब्धता के कारण यह प्रक्रिया रुकी रही। अब 80 करोड़ रुपये के बजट और मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के बाद इस दिशा में तेजी आने की उम्मीद है।

प्रशासन की जिम्मेदारी

ऊर्जा विभाग ने सभी जिला बिजली अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे स्कूलों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइनों का सर्वे करें और प्राथमिकता के आधार पर उन्हें हटाने की योजना तैयार करें। इस कार्य में बिजली विभाग के साथ-साथ बेसिक शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन का समन्वय होगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कार्यवाही के दौरान स्कूलों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

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