25 मई 2025 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जिसमें सऊदी अरब से लौटे चार युवकों के पेट में सोने के कैप्सूल पाए गए। यह खुलासा तब हुआ, जब इन युवकों और उनके ड्राइवर समेत सात लोगों का दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर अपहरण कर लिया गया। अगर यह अपहरण न हुआ होता, तो सोने की तस्करी का यह राज दफन हो जाता, क्योंकि तस्कर सऊदी अरब और दिल्ली एयरपोर्ट की सुरक्षा जांच को चकमा देने में सफल रहे थे।
मुरादाबाद पुलिस की त्वरित कार्रवाई और मुठभेड़ के बाद न केवल अपहृत लोगों को छुड़ाया गया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का भी पर्दाफाश हुआ।
23 मई 2025 (शुक्रवार) को रामपुर जिले के टांडा बादली निवासी छह युवक—शाने आलम, मुतल्लवी, मोहम्मद नावेद, जाहिद अली, अजहरुद्दीन, और जुल्फेकार—सऊदी अरब और दुबई से दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे। ये सभी वहां नौकरी करते थे, जिसमें कुछ लोग ड्राइविंग का काम करते थे। दिल्ली एयरपोर्ट से वे कार चालक जुल्फेकार के साथ टांडा लौट रहे थे। रात में लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर मुरादाबाद के मूंढापांडे थाना क्षेत्र के पुराने टोल प्लाजा के पास दो कारों में सवार बदमाशों ने उनकी कार को ओवरटेक कर रोका। बदमाशों में से एक ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी, और उनकी कार में इंस्पेक्टर की टोपी रखी थी।
बदमाशों ने खुद को जांच अधिकारी बताकर तलाशी शुरू की और बंदूक की नोक पर सभी सात लोगों को बंधक बनाकर मूंढापांडे के एक फार्महाउस पर ले गए। वहां बदमाशों ने धमकी दी कि अगर सोना नहीं दिया तो उनका पेट चीरकर सोना निकाला जाएगा। इस दौरान चालक जुल्फेकार किसी तरह भाग निकला और स्थानीय ग्रामीणों को सूचना दी। ग्रामीणों और पुलिस के पहुंचने पर बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी, लेकिन पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में दो बदमाशों—तौफिक उर्फ तुफैल (मुरादाबाद) और रजा चौधरी (काशीपुर)—को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के पैर में गोली लगी, और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सोना तस्करी का खुलासा
पुलिस पूछताछ में बदमाशों ने दावा किया कि अपहृत युवकों के पेट में सोने के कैप्सूल छिपाए गए हैं। इस सूचना पर मुरादाबाद पुलिस ने 24 मई (शनिवार) को सभी छह युवकों का मेडिकल परीक्षण कराया। मूंढापांडे सीएचसी में अल्ट्रासाउंड में सोना नहीं दिखा, और डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल रेफर करने में आनाकानी की, जिससे पुलिस का शक गहरा गया। इसके बाद पुलिस ने निजी लैब में अल्ट्रासाउंड कराया, जिसमें अजहरुद्दीन, जुल्फेकार, मुतल्लवी, और शाने आलम के पेट में सोने के कैप्सूल होने की पुष्टि हुई। जिला अस्पताल के अल्ट्रासाउंड ने भी इसकी पुष्टि की। मोहम्मद नावेद और जाहिद अली के पेट में कोई कैप्सूल नहीं मिला, और उन्हें तस्करी की जानकारी नहीं थी।
मेडिकल टीम ने चारों तस्करों के पेट से अब तक नौ कैप्सूल निकाले हैं, प्रत्येक का वजन 25 ग्राम है, यानी कुल 225 ग्राम सोना बरामद हुआ। X पर पोस्ट्स के अनुसार, चारों के पेट में और कैप्सूल होने की संभावना है। डॉक्टरों का कहना है कि तस्करों को भरपूर भोजन और दवाइयां दी जा रही हैं ताकि शेष कैप्सूल निकाले जा सकें। चारों को कड़ी सुरक्षा में जिला अस्पताल में रखा गया है, और कस्टम विभाग को सूचना दे दी गई है।
तस्करी का तरीका और सुरक्षा चूक
पुलिस जांच में पता चला कि चारों तस्कर—शाने आलम, अजहरुद्दीन, जुल्फेकार, और मुतल्लवी—पिछले एक साल से दुबई और सऊदी अरब में काम कर रहे थे। उन्होंने सऊदी अरब के जेद्दा हवाई अड्डे के बाहर सोने के छोटे-छोटे कैप्सूल निगले और दिल्ली एयरपोर्ट तक बिना पकड़े पहुंच गए। सामान्य मेटल डिटेक्टर और स्कैनिंग मशीनें पेट में छिपाए सोने को पकड़ नहीं पातीं। तस्कर बाद में घरों में विशेष टॉयलेट (जाली लगे) में इन कैप्सूल को निकालते हैं।
हैरानी की बात है कि सऊदी अरब और दिल्ली एयरपोर्ट की कड़ी सुरक्षा के बावजूद ये तस्कर बिना पकड़े निकल गए। पुलिस का मानना है कि टांडा क्षेत्र में एक संगठित तस्करी गिरोह सक्रिय है, जिसमें 5-6 युवक शामिल हैं। यह गिरोह दुबई, सऊदी अरब, और अन्य खाड़ी देशों से सोना, गुटखा, और सिगरेट तस्करी करता है।
अपहरण की साजिश और मुखबिरी
पुलिस जांच से पता चला कि बदमाशों को टांडा क्षेत्र के ही कुछ लोगों ने युवकों के सोना लाने की जानकारी दी थी। इनमें तस्करों के करीबी भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और मुखबिरों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। अपहरण की साजिश दिल्ली एयरपोर्ट से शुरू हुई थी, जहां से बदमाशों ने युवकों की कार का पीछा किया।
बदमाशों ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर कार को रोका और फार्महाउस पर ले जाकर तलाशी शुरू की। अगर चालक जुल्फेकार न भागता, तो शायद यह तस्करी और अपहरण का मामला सामने ही न आता। पुलिस ने घटनास्थल से तीन कारें बरामद की हैं और फरार बदमाशों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
मुरादाबाद के एसएसपी सतपाल अंतिल और एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की। पुलिस ने अपहरण, हमला, और तस्करी की धाराओं में दो अलग-अलग FIR दर्ज की हैं। गिरफ्तार बदमाशों—तौफिक और रजा—से पूछताछ जारी है, और उनके चार अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या एयरपोर्ट पर मुखबिरी हुई थी और कस्टम विभाग की मिलीभगत थी। कस्टम विभाग के अधिकारियों को तस्करी की सूचना दे दी गई है, और वे मामले की जांच में शामिल हो गए हैं।
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