मुरादाबाद जिले में रामगंगा और गागन नदियों के उफान से बाढ़ ने तबाही मचा दी है। रामगंगा नदी का जलस्तर शनिवार (9 अगस्त 2025) को खतरे के निशान 190.60 मीटर से 65 सेमी ऊपर 191.25 मीटर तक पहुंच गया, जबकि गागन नदी का जलस्तर 191.60 मीटर तक बढ़ गया। बाढ़ के कारण कुंदरकी में किसान दिनेश सैनी (32) और कांठ में हाईस्कूल छात्र कपिल (17) की डूबने से मौत हो गई। जिले की तीन तहसीलों के 67 गांव पानी से घिरे हैं, और मूंढापांडे में बांध टूटने से 30 परिवार फंस गए हैं। जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, जिसमें एंबुलेंस बोट की शुरुआत भी शामिल है।
बाढ़ का कहर और हादसे
- कुंदरकी में किसान की मौत: कुंदरकी क्षेत्र के बरखेड़ा घाट पर शुक्रवार को दिनेश सैनी खेत में काम करते समय बाढ़ के पानी में डूब गए। स्थानीय लोगों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन तेज बहाव के कारण उनकी मौत हो गई।
- कांठ में छात्र बहा: कांठ के करूला नदी में नहाते समय हाईस्कूल छात्र कपिल शुक्रवार को तेज बहाव में बह गया। पुलिस और पीएसी की टीम ने शनिवार सुबह उसका शव बरामद किया।
- टैक्सी चालक की डूबने से मौत: चैदरी अकबरपुर के 25 वर्षीय टैक्सी चालक फरियाद शुक्रवार दोपहर बाढ़ के पानी से भरे तालाब में ट्यूब के सहारे नहाते समय डूब गया। पीएसी ने 21 घंटे की मशक्कत के बाद शनिवार सुबह उसका शव निकाला। फरियाद अविवाहित था और उसके परिवार में तीन भाई हैं। सपा विधायक कमाल अख्तर ने परिजनों को सांत्वना दी और मदद का आश्वासन दिया।
बांध टूटने से संकट
मूंढापांडे ब्लॉक के चतुर नकटा खेड़ा कृषि फार्म के पास शुक्रवार शाम रामगंगा नदी का बांध टूटने से 30 परिवार बाढ़ के पानी में फंस गए। पांच घर पूरी तरह ढह गए, और प्रभावित परिवारों ने रामपुर के भैया नगला में सरकारी स्कूल और पंचायत भवन में शरण ली। मूंढापांडे-रौड़ा रोड पर पुल के पास एक किलोमीटर क्षेत्र में पांच फीट पानी भर गया, जिससे आवागमन ठप हो गया। रौड़ा-पंडित नगला सड़क और सुल्तानपुर पट्टी में भी जलभराव के कारण यातायात बंद है। लालाटीकर सीएचसी में पानी घुसने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
जलभराव और प्रशासनिक कार्रवाई
मुरादाबाद शहर में तीसरे दिन भी कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। आशियाना कॉलोनी, जामा मस्जिद, और नदी किनारे बसे मोहल्लों में घरों में पानी घुस गया है। प्रशासन ने सुरक्षा के लिए कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया और आशियाना कॉलोनी श्मशान घाट रोड पर बैरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर दिया। निर्माणाधीन गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में भी पानी भरने से काम रुक गया है। जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज कर दिए हैं।
एंबुलेंस बोट की शुरुआत
एडीएम ममता मालवीय और एसडीएम सदर डॉ. राम मोहन मीणा ने दसवां घाट पर एंबुलेंस बोट का उद्घाटन किया। बाढ़ कंट्रोल रूम के प्रभारी प्रदीप कुमार ने बताया कि यह पेट्रोल चालित नाव धारा के साथ 45 किमी/घंटा और विपरीत दिशा में 25 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेगी। इसमें जिला अस्पताल के डॉक्टर मौजूद रहेंगे, जो गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को रेस्क्यू करेंगे। मेडिकल टीम इस नाव के जरिए बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में इलाज भी करेगी।
नदियों का बढ़ता जलस्तर
रामगंगा नदी का जलस्तर शुक्रवार को 191.02 मीटर था, जो शनिवार शाम 6 बजे बढ़कर 191.25 मीटर हो गया। गागन नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान 192.28 मीटर के करीब 191.60 मीटर तक पहुंच गया। दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिले की सदर, कुंदरकी, और मूंढापांडे तहसीलों के 67 गांव पानी से घिरे हैं, जिनमें सदर तहसील के तीन और गांवों में पानी घुस गया है।
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया
जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित परिवारों को भोजन, पानी, और अस्थायी आश्रय प्रदान किया जा रहा है। सपा विधायक कमाल अख्तर ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की और प्रशासन से तत्काल राहत और पुनर्वास की मांग की। ग्रामीणों ने बांधों की मरम्मत और नदियों के किनारे सुरक्षा दीवार बनाने की मांग उठाई है।
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