
मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद, सांधवी प्रज्ञा ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि भगवान दोषियों को सजा देंगे।

मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद, सांधवी प्रज्ञा ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि भगवान दोषियों को सजा देंगे। उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोगों ने साजिश के तहत भगवा को बदनाम किया। उन्होंने कहा, “पिछले 17 सालों से मेरी ज़िंदगी बर्बाद हो गई है और भगवान उन लोगों को सजा देंगे जिन्होंने ‘भगवा’ का अपमान करने की कोशिश की।
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा मैंने शुरू से ही कहा है कि जिन्हें भी जांच के लिए बुलाया जाता है, उसके पीछे कोई आधार होना चाहिए। मुझे जांच के लिए बुलाया गया और गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया। इससे मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया। मैं एक साधु का जीवन जी रही थी, लेकिन मुझे फंसा दिया गया और मुझ पर आरोप लगा दिया गया, और कोई भी स्वेच्छा से हमारे साथ खड़ा नहीं था। मैं जीवित हूं क्योंकि मैं एक संन्यासी हूं। उन्होंने एक षड्यंत्र के तहत भगवा को बदनाम किया। आज भगवा की जीत हुई है, और हिंदुत्व की जीत हुई है, और भगवान दोषियों को सजा देंगे। हालांकि, जिन्होंने भारत और भगवा को बदनाम किया, वे आपके द्वारा गलत साबित नहीं हुए हैं,” सांधवी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता उमा भारती ने साध्वी प्रज्ञा को बधाई देते हुए कहा कि आज वह निर्दोष साबित हुईं। उन्होंने कहा, “प्रज्ञा जी को बधाई और माननीय न्यायालय को प्रणाम। एनआईए अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को पीड़ितों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
‘पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा, मेजर (रिटायर्ड) रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुवेर्दी, अजय राहिरकर, सुधांकर धर द्विवेदी (शंकराचार्य) और समीर कुलकर्णी समेत कुल 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था , एनआईए अदालत ने कहा कि आरोपियों के सभी ज़मानत बांड रद्द किए जाते हैं और ज़मानतदारों को मुक्त किया जाता है। अदालत ने फैसला सुनाने से पहले अभियोजन पक्ष के 323 और बचाव पक्ष के 8 गवाहों से पूछताछ की थी। सातों लोगों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और अन्य सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है।
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