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मायावती का ऐलान: BSP 2027 यूपी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी, गठबंधन से कोई फायदा नहीं; आजम खान की जॉइनिंग की अफवाहों को किया खारिज

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बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने गुरुवार (9 अक्टूबर 2025) को कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए स्पष्ट कर दिया कि 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी। उन्होंने कहा कि राज्य या देश के किसी अन्य हिस्से में गठबंधनों से BSP को कभी फायदा नहीं हुआ। “हमारे वोट ट्रांसफर हो जाते हैं, लेकिन दूसरी पार्टियां अपने वोट हमें ट्रांसफर नहीं करतीं, जिससे हमारा वोट शेयर कम हो जाता है। गठबंधन सरकारें भी लंबे समय तक नहीं चलतीं।”

मायावती ने अतीत के अनुभव साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस या समाजवादी पार्टी (SP) के साथ गठबंधन में BSP को केवल 67 सीटें मिलीं, जबकि 2007 में अकेले लड़कर बहुमत हासिल किया था।

यह ऐलान कांशीराम की 19वीं पुण्यतिथि (महापरिनिर्वाण दिवस) पर राष्ट्रीय दलित स्मारक पर हुई सभा में किया गया, जहां मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को 2027 चुनावों के लिए प्रेरित किया। सभा में हजारों समर्थक जुटे, और मायावती ने BSP के बूथ-स्तरीय पुनर्गठन का जिक्र किया।

आजम खान की जॉइनिंग की अफवाहों पर साफ इनकार

मायावती ने आजम खान (SP के वरिष्ठ नेता) के BSP में शामिल होने की अफवाहों को “झूठी” करार दिया। बिना नाम लिए उन्होंने कहा, “पिछले महीने से झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं कि अन्य पार्टियों के नेता BSP में शामिल हो रहे हैं और दिल्ली-लखनऊ में मुझसे मिले। मैं किसी से नहीं मिली। गुप्त मुलाकातें नहीं करती।” यह बयान अखिलेश यादव की आजम से हालिया रामपुर मुलाकात के बाद आया, जो मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश मानी जा रही है। मायावती ने SP पर भी निशाना साधा कि वे कांशीराम को “वोट बैंक” के लिए याद करते हैं, जो “छलावा” है।

BJP सरकार की तारीफ: दलित कल्याण फंड का उपयोग सही

मायावती ने योगी आदित्यनाथ सरकार की सराहना की कि उन्होंने कांशीराम स्मारक पर आने वाले पर्यटकों से एकत्र फंड को दलित कल्याण के लिए रोका नहीं, जैसा SP सरकार ने किया था। उन्होंने कहा, “SP ने कांशीराम नगर जिले का नाम बदल दिया, जो कांशीराम के आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश थी। BJP ने फंड को अन्य उद्देश्यों के लिए डायवर्ट नहीं किया।” यह तारीफ BSP की NDA से दूरी बनाए रखते हुए भी सकारात्मक संदेश देने की रणनीति लगती है।

राजनीतिक निहितार्थ: 2027 चुनावों की तैयारी

यह ऐलान BSP की 2027 रणनीति का हिस्सा है। 2022 यूपी चुनावों में BSP को केवल 1 सीट मिली थी (12.9% वोट शेयर), जबकि 2007 में 207 सीटें। मायावती ने कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया कि “हाथी (BSP प्रतीक) कमजोर नहीं पड़ा है।” सभा में 5,000 बसें लगाई गईं, जो पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल तक समर्थकों को लाईं। कांग्रेस नेता अजय राय ने इसे “BJP की कठपुतली” बताया, जबकि SP ने कांशीराम को याद करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया, जिसे मायावती ने “छलावा” कहा।

मायावती ने सभा में कहा, “कांशीराम का आंदोलन दलित-अदिवासी-ओबीसी को शोषित से शासक बनाने का था। SP-कांग्रेस का रवैया जातिवादी है।” यह बयान BSP को अकेले लड़ने की दृढ़ता दिखाता है, लेकिन पोस्ट-पोल गठबंधन की गुंजाइश खुली रखी।

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