महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को एक आदेश जारी कर गाय को ‘राज्यमाता’ घोषित किया। सरकार ने भारतीय परंपरा में गायों के सांस्कृतिक महत्व का हवाला देते हुए यह कदम उठाया। आधिकारिक आदेश में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा कि गाय भारतीय परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है और प्राचीन काल से ही इसका आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और सैन्य महत्व रहा है।

महाराष्ट्र सरकार ने भी देशी नस्ल की गायों की संख्या में भारी कमी पर चिंता व्यक्त की है। महाराष्ट्र सरकार ने भारत भर में पाई जाने वाली गायों की विभिन्न नस्लों पर प्रकाश डालते हुए देशी गायों की संख्या में कमी पर भी चिंता जताई। अपने आधिकारिक आदेश में सरकार ने कृषि में गाय के गोबर के उपयोग पर भी जोर दिया, जिससे मनुष्य को मुख्य भोजन के रूप में पोषण मिलता है। गाय और उसके उत्पादों से जुड़े सामाजिक-आर्थिक कारकों के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार ने पशुपालकों को देशी गाय पालने के लिए प्रोत्साहित किया।

गौरतलब है कि भारत में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है और हिंदू धर्म में इसकी पूजा की जाती है। इसके अलावा, इसके दूध, मूत्र और गोबर को पवित्र माना जाता है और इनका भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। गाय का दूध मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है, जबकि गोमूत्र से कई बीमारियों के इलाज का दावा किया जाता है।

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