अजीत पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को बड़ा झटका देते हुए पिंपरी-चिंचवाड़ के प्रमुख अजीत गव्हाने ने मंगलवार (16 जुलाई) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और पार्टी अध्यक्ष सुनील तटकरे को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। अजीत गव्हाने के साथ पिंपरी चिंचवाड़ के दो पूर्व पार्षदों और कई अन्य पार्टी नेताओं ने भी सुनील तटकरे को अपना त्यागपत्र भेजा।

अजीत पवार की अगुवाई वाली एनसीपी से इस्तीफा देने के एक दिन बाद, एनसीपी के पिंपरी-चिंचवाड़ इकाई के प्रमुख अजीत गव्हाणे ने कहा, “मैंने कल इस्तीफा दे दिया, आज हम दूसरे विधानसभा क्षेत्र के सभी पूर्व नगरसेवकों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद हम अपनी आगामी रणनीति तय करेंगे। आज हम पवार साहब (शरद पवार) का आशीर्वाद लेने जा रहे हैं। हम मिलकर फैसला लेंगे। मेरे साथ राहुल भोसले, यश साने और पंकज भालेकर ने भी इस्तीफा दे दिया है।” गव्हाणे ने कहा, “अगर आप पिंपरी चिंचवड़ शहर को देखें, तो इसका विकास बहुत अच्छी तरह से हुआ था और इसमें अजित पवार का बहुत बड़ा योगदान था। लेकिन 2017 से भाजपा ने पीसीएमसी (पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम) पर कब्जा करना शुरू कर दिया और तब से विकास गलत तरीके से हो रहा है। अगर आप दूसरे निर्वाचन क्षेत्र को देखें, तो जिस तरह का विकास हुआ है, उससे पता चलता है कि यहां गलत चीजें हुई हैं। भ्रष्टाचार भी हुआ है। इसके लिए मौजूदा विधायक जिम्मेदार हैं।”

पिंपरी चिंचवाड़ में अजित पवार गुट के कई कार्यकर्ता, पदाधिकारी और पूर्व नगरसेवक शरद पवार गुट में शामिल हो गए। पिछले साल जुलाई में एनसीपी में विभाजन के बाद छगन भुजबल की शरद पवार से यह पहली मुलाकात थी। पवार से मुलाकात के बाद भुजबल ने कहा, “एनसीपी-एससीपी प्रमुख शरद पवार जानते हैं कि गांवों में अलग-अलग समुदायों के लोग कैसे रह रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर गांवों में झड़पें हो रही हैं। अगर सभी दलों के नेता एक साथ आएं तो इसे रोका जा सकता है, नहीं तो स्थिति और खराब होती जाएगी। उन्होंने (शरद पवार) कहा कि वे सीएम शिंदे से बात करेंगे और समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।”

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