अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्य पूर्व में शांति स्थापना के लिए एक महत्वाकांक्षी 21 सूत्रीय योजना पेश की है, जिसका उद्देश्य गाजा में चल रहे लगभग दो साल पुराने युद्ध को समाप्त करना है। ट्रंप ने रविवार, 28 सितंबर 2025 को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “हमारे पास मध्य पूर्व में महानता हासिल करने का एक वास्तविक मौका है। पहली बार कुछ खास करने के लिए सभी तैयार हैं। हम इसे पूरा करेंगे!”
यह बयान संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान अरब और मुस्लिम नेताओं के साथ उनकी बैठकों के बाद आया, जहां उन्होंने इस योजना को प्रस्तुत किया था। हालांकि, ट्रंप ने फलस्तीनी राष्ट्र की एकतरफा मान्यता का कड़ा विरोध किया, इसे हमास के लिए “इनाम” करार देते हुए। क्या यह योजना मध्य पूर्व में शांति ला पाएगी, या यह केवल एक कूटनीतिक भ्रम है? आइए इसकी पड़ताल करें।
ट्रंप की 21 सूत्रीय योजना: मुख्य बिंदु
अमेरिका ने 23 सितंबर 2025 को UNGA के दौरान सऊदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, जॉर्डन, तुर्की, इंडोनेशिया और पाकिस्तान के नेताओं के साथ एक बैठक में यह 21 सूत्रीय शांति योजना प्रस्तुत की। इस योजना के कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
- तत्काल युद्धविराम और बंधक रिहाई: योजना में 48 घंटों के भीतर सभी बंधकों (20 जीवित और मृतकों के अवशेष) की रिहाई की मांग की गई है।
- हमास का खात्मा और गाजा का पुनर्निर्माण: हमास को गाजा के शासन से पूरी तरह हटाने और क्षेत्र को आतंक-मुक्त, डी-रेडिकलाइज्ड जोन बनाने का प्रस्ताव है। इसमें “ट्रंप डेवलपमेंट प्लान” के तहत गाजा के पुनर्निर्माण की योजना शामिल है, जिसमें क्षेत्रीय विशेषज्ञता का उपयोग कर रोजगार और निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।
- इस्राइल की वापसी: इस्राइल से गाजा में सैन्य अभियान बंद करने और चरणबद्ध तरीके से क्षेत्र से हटने की अपेक्षा की गई है।
- अंतरराष्ट्रीय और फलस्तीनी प्रशासन: गाजा का शासन एक अंतरराष्ट्रीय निकाय और फलस्तीनी समिति के तहत होगा, जिसमें फलस्तीनी प्राधिकरण (PA) की अंतिम भूमिका की कोई समयसीमा नहीं दी गई है।
- मानवीय सहायता: गाजा में कम से कम 600 ट्रक प्रतिदिन मानवीय सहायता की आपूर्ति होगी, जिसे संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रिसेंट जैसे तटस्थ संगठन वितरित करेंगे।
- वेस्ट बैंक और यरुशलम: इस्राइल द्वारा वेस्ट बैंक का कोई विलय नहीं होगा, और यरुशलम की वर्तमान स्थिति बरकरार रहेगी।
- डी-रेडिकलाइजेशन और संवाद: एक संरचित डी-रेडिकलाइजेशन प्रोग्राम शुरू होगा, जिसमें इस्राइल और गाजा के बीच अंतरधार्मिक संवाद शामिल होगा।
- फलस्तीनी राज्य की आकांक्षा: योजना में फलस्तीनी राज्य की आकांक्षा को मान्यता दी गई है, लेकिन इसे लागू करने की कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं दी गई है।
- कतर पर हमले रोकना: इस्राइल द्वारा कतर पर भविष्य में कोई हमला नहीं करने और कतर की मध्यस्थता भूमिका को मान्यता देने का प्रावधान है।
योजना की पृष्ठभूमि और चुनौतियाँ
यह योजना 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद शुरू हुए युद्ध के जवाब में आई है, जिसमें 1,200 इस्राइली मारे गए और 251 लोग बंधक बनाए गए। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस युद्ध में अब तक 66,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं, और क्षेत्र में भुखमरी और विनाश का संकट गहरा गया है। इस्राइल की हालिया गाजा सिटी में सैन्य कार्रवाई और 9 सितंबर 2025 को दोहा में हमास नेताओं पर हवाई हमलों ने मध्यस्थता प्रयासों को बाधित किया है।
ट्रंप की योजना को अरब नेताओं से व्यापक समर्थन मिला है, जिन्होंने इसे क्षेत्रीय शांति के लिए एक आधार के रूप में देखा। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने इसे “महत्वपूर्ण नींव” बताया, और सात अरब और मुस्लिम देशों ने संयुक्त बयान में ट्रंप की पहल का स्वागत किया। हालांकि, इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार के दक्षिणपंथी सहयोगी इस योजना के कुछ हिस्सों, खासकर फलस्तीनी प्राधिकरण की भूमिका और फलस्तीनी राज्य की आकांक्षा को लेकर असहमत हैं। नेतन्याहू ने UNGA में अपने भाषण में फलस्तीनी राज्य को “पागलपन” और इस्राइल के लिए “आत्महत्या” करार दिया।
हमास ने भी कहा है कि उसे इस योजना की पूरी जानकारी नहीं मिली है, हालांकि उसने मध्यस्थों के माध्यम से किसी भी प्रस्ताव की सकारात्मक जांच करने की इच्छा जताई है। इसके अलावा, फलस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने UNGA में वीडियो संदेश के जरिए ट्रंप की योजना के साथ सहयोग करने की तत्परता दिखाई, बशर्ते यह फलस्तीनी लोगों के राष्ट्रीय अधिकारों का सम्मान करे।
पहले की योजना से बदलाव
ट्रंप ने फरवरी 2025 में गाजा के “अमेरिकी अधिग्रहण” और 20 लाख फलस्तीनियों को “सुरक्षित समुदायों” में स्थानांतरित करने की विवादास्पद योजना प्रस्तावित की थी, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अरब देशों ने खारिज कर दिया था। नई 21 सूत्रीय योजना इस नीति से एक बड़ा बदलाव दर्शाती है, क्योंकि यह फलस्तीनियों को गाजा में रहने के लिए प्रोत्साहित करती है और वेस्ट बैंक के विलय को रोकती है। यह योजना टोनी ब्लेयर इंस्टीट्यूट और ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर के विचारों पर आधारित है, जिसमें गाजा इंटरनेशनल ट्रांजिशनल अथॉरिटी (GITA) की स्थापना का प्रस्ताव है।
विश्लेषण और संभावनाएँ
ट्रंप की 21 सूत्रीय योजना को कुछ लोग मध्य पूर्व में शांति की दिशा में एक गंभीर प्रयास मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे कूटनीतिक भ्रम करार दे रहे हैं। यूरोपीय राजनयिकों ने इसे एक “प्रामाणिक प्रयास” बताया, लेकिन इस्राइल के दक्षिणपंथी नेताओं और नेतन्याहू की आपत्तियों के कारण इसका कार्यान्वयन मुश्किल हो सकता है। नेतन्याहू के गठबंधन में इटामार बेन ग्विर और बेजालेल स्मोटरिच जैसे मंत्री युद्ध को हमास के पूर्ण उन्मूलन तक जारी रखने की मांग कर रहे हैं और फलस्तीनी प्राधिकरण की किसी भी भूमिका का विरोध करते हैं।
इसके अलावा, योजना में फलस्तीनी राज्य की आकांक्षा को मान्यता दी गई है, लेकिन कोई ठोस समयसीमा या स्पष्ट रोडमैप नहीं है, जो इसे अस्पष्ट बनाता है। गाजा में मानवीय संकट, भुखमरी, और बुनियादी ढांचे का विनाश इस योजना को और जटिल बनाता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से मिस्र और जॉर्डन, ने विस्थापन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है, और कतर जैसे मध्यस्थ देशों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी।
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