
मऊ जिले की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 31 मई 2025 को सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच और चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में दोषी ठहराया। अदालत ने उन्हें दो साल की सजा और 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया।

इस फैसले से उनकी मऊ सदर विधानसभा सीट की सदस्यता पर संकट मंडरा रहा है। अब्बास के सहयोगी मंसूर अंसारी को भी आपराधिक षड्यंत्र (धारा 120बी) के तहत छह महीने की सजा और 1,000 रुपये का जुर्माना सुनाया गया।
मामला 3 मार्च 2022 का है, जब 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी, जो सपा-सुभासपा गठबंधन के उम्मीदवार थे, ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा में कथित रूप से भड़काऊ बयान दिए। उन्होंने मऊ प्रशासन को चुनाव बाद “हिसाब-किताब” करने और “सबक सिखाने” की धमकी दी थी। इस बयान के आधार पर सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद की शिकायत पर मऊ कोतवाली में अब्बास, उनके भाई उमर अंसारी और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 171एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।
शनिवार सुबह 10:30 बजे अब्बास अंसारी कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश हुए। सीजेएम डॉ. केपी सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सजा का ऐलान किया। कोर्ट के बाहर भारी पुलिस बल तैनात था। अब्बास के वकील दरोगा सिंह ने पहले ही उनकी पेशी की सूचना पुलिस को दी थी।
यह सजा अब्बास के राजनीतिक भविष्य के लिए बड़ा झटका है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले विधायक की सदस्यता रद्द हो सकती है, और वे छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते। अब्बास ने इस मामले में ऑडियो की फॉरेंसिक जांच को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर सरकार को 11 जून 2025 तक जवाब देना है। उनकी विधायकी का भविष्य अब उच्च न्यायालय के फैसले पर टिका है।
The post मऊ हेट स्पीच केस: अब्बास अंसारी को हुई जेल, लगा इतना जुरमाना, खतरे में विधायकी appeared first on Live Today | Hindi News Channel.