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Mau news: अब्बास अंसारी की विधायकी रद्द, सीट रिक्त घोषित, उपचुनाव की तैयारी

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उत्तर प्रदेश के मऊ सदर से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में मऊ की MP/MLA कोर्ट ने शनिवार (31 मई, 2025) को अब्बास को दो साल की सजा और 11,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मऊ सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया। रविवार (1 जून, 2025) को छुट्टी के बावजूद विधानसभा सचिवालय खोला गया और चुनाव आयोग को इसकी सूचना भेज दी गई। अब इस सीट पर उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।

मामले का विवरण
मऊ कोतवाली में सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद की शिकायत पर दर्ज FIR के अनुसार, 3 मार्च, 2022 को मऊ के पहाड़पुर में एक चुनावी रैली के दौरान अब्बास अंसारी ने मऊ प्रशासन को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था, “सपा प्रमुख अखिलेश यादव को बता दिया है कि सरकार बनने के बाद छह महीने तक कोई तबादला नहीं होगा, पहले हिसाब-किताब होगा।” इस बयान को धमकी और नफरत फैलाने वाला माना गया, जिसके चलते उनके खिलाफ IPC की धारा 189 (सार्वजनिक सेवक को नुकसान की धमकी), 153-A (धर्म, जाति आदि के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देना), 171F (चुनाव में अनुचित प्रभाव), 506 (आपराधिक धमकी), और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

मऊ की MP/MLA कोर्ट के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. केपी सिंह ने 29 मई को सुनवाई पूरी होने के बाद 31 मई को फैसला सुनाया। अब्बास को धारा 189 और 153-A के तहत दो-दो साल, धारा 506 के तहत एक साल, और धारा 171-F के तहत छह महीने की सजा दी गई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी, यानी अधिकतम दो साल की जेल होगी। उनके सहयोगी मंसूर अंसारी को भी छह महीने की सजा और 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया, जबकि उनके भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया गया।

विधायकी रद्द होने का आधार
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत, किसी विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर उनकी विधानसभा सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है। कोर्ट के फैसले की प्रति मिलने के बाद विधानसभा सचिवालय ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मऊ सदर सीट को रिक्त घोषित किया। विधानसभा के प्रधान सचिव प्रदीप दुबे ने बताया कि सीट रिक्त होने की जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजी गई है, जो अब उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेजेंगे।

अगली कानूनी राह
अब्बास अंसारी के वकील दरोगा सिंह ने फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा कि वे सजा के खिलाफ सत्र न्यायालय में अपील करेंगे और इलाहाबाद हाई कोर्ट में स्टे ऑर्डर की मांग करेंगे। अगर हाई कोर्ट सजा पर रोक लगाता है, तो उनकी विधायकी बहाल हो सकती है।

अब्बास अंसारी, माफिया-राजनेता रहे मुख्तार अंसारी के बेटे हैं, जिन्होंने मऊ सदर सीट से पांच बार विधायकी जीती थी। मुख्तार का मार्च 2024 में बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। अब्बास ने 2022 में सपा-गठबंधन के तहत SBSP के टिकट पर मऊ सदर सीट जीती थी। वर्तमान में SBSP बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन का हिस्सा है, और इसके अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

कुछ लोगों का मानना है कि योगी सरकार ने जल्दबाजी में सीट रिक्त घोषित की, क्योंकि हाई कोर्ट सजा पर रोक लगा सकता है, जैसा कि आजम खान के मामले में हुआ था। मऊ सीट पर उपचुनाव की घोषणा जल्द हो सकती है, जिसके लिए सभी राजनीतिक दल तैयारियां शुरू कर सकते हैं।

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