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बी-2 स्टील्थ बॉम्बर: अमेरिका का अजेय हथियार जिसने ईरान के परमाणु ठिकानों को बनाया निशाना

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बी-2 स्टील्थ बॉम्बर, अमेरिका का सबसे उन्नत रणनीतिक बमवर्षक, जिसने 22 जून 2025 को ईरान के फोर्डो, नतांज, और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर हमला किया। जानें इसकी स्टील्थ तकनीक, बंकर बस्टर बम, और ईरान हमले में भूमिका।

बी-2 स्टील्थ बॉम्बर क्या है?

बी-2 स्पिरिट, जिसे बी-2 स्टील्थ बॉम्बर के नाम से जाना जाता है, अमेरिकी वायुसेना का एक उन्नत रणनीतिक बमवर्षक है। नॉर्थरॉप ग्रुमैन द्वारा निर्मित, यह विमान स्टील्थ (रडार से बचने की) तकनीक का प्रतीक है। 1989 में पहली उड़ान और 1997 में सेवा में प्रवेश के बाद से, यह तीन दशकों से अमेरिका की सामरिक शक्ति का आधार रहा है। केवल 19 बी-2 विमान सक्रिय हैं, जिनमें से प्रत्येक की कीमत लगभग 2.1 बिलियन डॉलर (लगभग 17,500 करोड़ रुपये) है। यह दुनिया का सबसे महंगा सैन्य विमान है।

प्रमुख विशेषताएं:

  • स्टील्थ तकनीक: बी-2 का फ्लाइंग विंग डिज़ाइन, रडार-अवशोषक सामग्री, और कम इन्फ्रारेड उत्सर्जन इसे रडार पर लगभग अदृश्य बनाते हैं। इसका रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) मात्र 0.001 वर्ग मीटर है, जो एक छोटी चिड़िया जितना है।
  • उड़ान रेंज: बिना ईंधन भरे 6,000 नॉटिकल मील (11,000 किमी) और एक बार ईंधन भरने पर 10,000 नॉटिकल मील (19,000 किमी) तक उड़ान भर सकता है। यह मिसौरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से विश्व के किसी भी कोने में हमला कर सकता है।
  • पेलोड क्षमता: 40,000 पाउंड (18,144 किग्रा) तक हथियार ले जा सकता है, जिसमें परमाणु और पारंपरिक हथियार शामिल हैं।
  • ऊंचाई: 50,000 फीट (15,000 मीटर) तक उड़ान भर सकता है, जो इसे अधिकांश वायु रक्षा प्रणालियों से बाहर रखता है।
  • हथियार: जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP), जेडीएएम (GPS-निर्देशित बम), जेएसओडब्ल्यू (ग्लाइड बम), और जेएएसएसएम-ईआर (500 मील रेंज वाली क्रूज मिसाइल) ले जा सकता है।

ईरान पर हमले में बी-2 का उपयोग

22 जून 2025 को अमेरिका ने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर का उपयोग कर ईरान के तीन परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज, और इस्फहान—पर हमला किया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि फोर्डो “पूरी तरह नष्ट” हो गया। इस हमले में बी-2 की निम्नलिखित विशेषताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:

  1. फोर्डो पर बंकर बस्टर बम: फोर्डो, जो 80-90 मीटर गहराई में पहाड़ के नीचे बना है, केवल जीबीयू-57 MOP (30,000 पाउंड, 13,600 किग्रा) जैसे बंकर बस्टर बम से नष्ट हो सकता है। बी-2 ही ऐसा एकमात्र विमान है जो इस बम को ले जा सकता है। ट्रंप ने कहा कि फोर्डो पर छह MOP बम गिराए गए।
  2. नतांज और इस्फहान पर टॉमहॉक मिसाइलें: इन ठिकानों पर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागी गईं, जो बी-2 के साथ नौसेना की पनडुब्बियों से लॉन्च की गईं।
  3. लंबी उड़ान: बी-2 ने मिसौरी के व्हाइटमैन बेस से 37 घंटे की नॉन-स्टॉप उड़ान भरी, जिसमें कई बार हवा में ईंधन भरा गया। यह इसकी वैश्विक पहुंच को दर्शाता है।
  4. स्टील्थ का लाभ: इस्राइल के हमलों ने ईरान की वायु रक्षा को कमजोर किया था, लेकिन बी-2 की स्टील्थ तकनीक ने इसे बिना पहचाने हमला करने में सक्षम बनाया।

क्यों जरूरी था बी-2 का उपयोग?

  • फोर्डो की गहराई: फोर्डो 260-300 फीट (80-90 मीटर) गहराई में है, जो इस्राइल के हथियारों (जैसे SPICE-2000 बम) के लिए अभेद्य है। केवल MOP, जो 200 फीट तक मिट्टी या 60 मीटर चट्टान भेद सकता है, इसे नष्ट कर सकता है।
  • इस्राइल की सीमा: इस्राइल के पास न तो बी-2 जैसा विमान है और न ही MOP जैसा बम। इसलिए, अमेरिका की भागीदारी अनिवार्य थी।
  • रणनीतिक संदेश: बी-2 का उपयोग ईरान और उसके सहयोगियों (जैसे हूती) को यह संदेश था कि अमेरिका किसी भी गहरे ठिकाने को नष्ट कर सकता है।

बंकर बस्टर बम क्या हैं?

जीबीयू-57 MOP, जिसे बंकर बस्टर बम कहा जाता है, विशेष रूप से गहरे भूमिगत ढांचों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

  • वजन: 30,000 पाउंड (13,600 किग्रा)
  • आयाम: 20.5 फीट लंबा, 31.5 इंच व्यास
  • क्षमता: 200 फीट मिट्टी या 60 मीटर चट्टान भेदने के बाद विस्फोट
  • निर्देशन: जीपीएस-निर्देशित, सटीक निशाना
  • उपयोग: एक के बाद एक बम गिराकर गहराई तक नुकसान पहुंचाना, जैसे फोर्डो में छह बमों का उपयोग।

यह बम बंकरों, सुरंगों, और प्रबलित परमाणु सुविधाओं को नष्ट करने के लिए आदर्श है। हालांकि, IAEA ने चेतावनी दी कि फोर्डो में 83.7% संवर्धित यूरेनियम के कारण हमले से रेडियोधर्मी रिसाव का खतरा हो सकता था, लेकिन IAEA और ईरान ने दावा किया कि कोई रिसाव नहीं हुआ।

बी-2 का ऐतिहासिक उपयोग

बी-2 का उपयोग पहले भी कई महत्वपूर्ण मिशनों में हो चुका है:

  • 1999: कोसोवो युद्ध में पारंपरिक बम गिराए।
  • 2001-2011: अफगानिस्तान और इराक में मिशन।
  • 2011: लीबिया में हमले।
  • 2024: यमन में हूती ठिकानों पर हमला, जो ईरान के लिए चेतावनी था।
  • 2025: ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला।

बी-2 स्टील्थ बॉम्बर अपनी अद्वितीय स्टील्थ तकनीक, लंबी रेंज, और भारी हथियार ले जाने की क्षमता के कारण अमेरिका का सबसे शक्तिशाली रणनीतिक हथियार है। 22 जून 2025 को ईरान के फोर्डो, नतांज, और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर इसके हमले ने इसकी सामरिक महत्ता को फिर से सिद्ध किया। जीबीयू-57 MOP बंकर बस्टर बमों के साथ, बी-2 ने ईरान की गहरी सुविधाओं को निशाना बनाया, जिसे इस्राइल अकेले नहीं कर सकता था।

हालांकि, इस हमले से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया है, और ईरान की जवाबी कार्रवाई क्षेत्रीय युद्ध को भड़का सकती है। भारत जैसे तेल-आयातक देशों के लिए, यह स्थिति ऊर्जा सुरक्षा के लिए चुनौतीपूर्ण है।

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