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बहराइच में रेल हादसा: मां-बेटे की ट्रेन की चपेट में आने से दर्दनाक मौत, अब लोग कर रहे हैं ऐसी मांग

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बहराइच जिले में 31 मई 2025 को बहराइच-गोंडा रेल खंड पर रेलवे क्रॉसिंग 41C के पास एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। रोशनी गुप्ता (25) और उनके 5 साल के बेटे दिव्यांश गुप्ता, बक्शीपुरा चांदमारी के निवासी, ट्रेन की चपेट में आने से मारे गए। यह घटना शनिवार शाम हुई, जब रोशनी अपने बेटे के साथ बाजार से लौट रही थीं।

पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ सिटी) पहुप सिंह के अनुसार, रोशनी और दिव्यांश रेलवे पिलर संख्या 59/21 के पास रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे। खेलते-खेलते दिव्यांश अचानक मां का हाथ छुड़ाकर उस पटरी की ओर भागा, जहां से ट्रेन आ रही थी। बेटे को बचाने के लिए रोशनी उसके पीछे दौड़ीं, लेकिन तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में दोनों आ गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। रेलवे पुलिस (GRP) और उत्तर प्रदेश पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी है।

स्थानीय समाजसेवी अरुण कुमार मिश्र ने बताया कि रेलवे लाइन के उस पार बक्शीपुरा और आसपास की बस्तियों में करीब 30-35 हजार लोग रहते हैं। पहले यहां रेलवे क्रॉसिंग 41C थी, जिसे बड़ी लाइन (ब्रॉड गेज) के निर्माण के लिए तीन साल पहले बंद कर दिया गया। वैकल्पिक मार्ग के रूप में क्रॉसिंग 40C को जोड़ा गया, लेकिन उसे भी फ्लाईओवर निर्माण के नाम पर बंद कर दिया गया। नजदीकी रास्ता अब 3 किमी दूर है, और दूसरा रास्ता जलभराव के कारण उपयोग में नहीं आता। नतीजतन, लोग जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार करने को मजबूर हैं।

स्थानीय लोगों ने रेलवे और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अंडरपास या ओवरब्रिज की मांग को लेकर सांसदों, विधायकों, और एमएलसी के माध्यम से कई बार रेल मंत्रालय और अधिकारियों को पत्र लिखे गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द अंडरपास का निर्माण नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करेंगे।

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