बहराइच में भेड़ियों के हमले के मामले पर बोलते हुए राज्य के वन मंत्री अरुण सक्सेना ने कहा कि वे भेड़ियों का पता लगा रहे हैं और उम्मीद है कि वे जल्द ही उन्हें पकड़ लेंगे। उन्होंने लोगों से खुले में न सोने का अनुरोध किया।

बहराइच जिले के लोग पिछले दो महीनों से भेड़ियों के आतंक का सामना कर रहे हैं, जहाँ जिला प्रशासन के अनुसार कम से कम सात लोग मारे गए हैं। बहराइच की जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) मोनिका रानी ने कहा, “पिछले 2 महीनों में, कई घटनाएँ सामने आई हैं कि भेड़ियों ने बहराइच में लोगों पर हमला किया है और कुछ लोगों की जान भी चली गई है। अब तक ऐसी सात घटनाएँ हो चुकी हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “जनप्रतिनिधि, पुलिस विभाग और अन्य विभाग मिलकर काम कर रहे हैं और लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं कि लोग अपने घरों के अंदर सोएं। वन विभाग भी लगातार प्रयास कर रहा है। हम जल्द ही भेड़ियों को पकड़ लेंगे। कुछ लोगों को मुआवजा भी दिया गया है। हम इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि जान-माल का कोई नुकसान न हो।”

अब तक वन विभाग ने क्षेत्र में तीन भेड़ियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है तथा शेष भेड़ियों को पकड़ने के लिए कई टीमें लगी हुई हैं। इससे पहले मंगलवार (27 अगस्त) को महसी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने अन्य लोगों के साथ मिलकर राइफल और लाठी लेकर भेड़ियों के झुंड की निगरानी की। उन्होंने क्षेत्र के लोगों को भेड़ियों के हमलों के बारे में आगाह भी किया तथा भेड़ियों के हमलों से परेशान लोगों का मनोबल बढ़ाया।सिंह ने कहा, “बहराइच जिले और इसके महसी विधानसभा क्षेत्र में भेड़िये का आतंक 17 जुलाई को शुरू हुआ। तब से अब तक भेड़िये के हमले से 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 लोग घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चिंतित हैं, हमारे वन मंत्री चिंतित हैं और जिले के वन अधिकारी भी चिंतित हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि लगभग 50 गांवों की पहचान की गई है जहां भेड़ियों ने कहर बरपाया था और अधिकारी स्थिति से निपटने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “लगभग 50 गांवों की पहचान की गई है, हर कोई इस पर काम कर रहा है। उन भेड़ियों को पकड़ने के लिए काम चल रहा है। जिन क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति नहीं है, वहां बिजली सुनिश्चित की जा रही है। हम उन घरों में दरवाजे भी लगा रहे हैं जहां घटनाएं हुई हैं। मैं लोगों का मनोबल बढ़ाने के लिए राइफल लेकर चल रहा हूं।”

अधिकारियों ने स्थिति से निपटने के लिए बाराबंकी से भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारी आकाशदीप बधावन को भी बुलाया है। भेड़ियों के झुंड पर नज़र रखने के लिए हाई-फ़्रीक्वेंसी ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है।बधावन ने कहा, “हमने भेड़िये को दो इलाकों में देखा है। हम उसे खोजने के लिए दो ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। उम्मीद है कि हम उसे जल्द ही खोज लेंगे। मानसिक अवरोध पैदा करने के लिए जाल लगाए गए हैं। सुबह से ही हम उसे 5 किलोमीटर के इलाके में खोज रहे हैं। एक बार जब वह पकड़ा जाएगा तो पशु चिकित्सक उसे खोज लेंगे।”

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