उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के भरथापुर गांव में 29 अक्टूबर को घाघरा नदी (कौड़ियाला नाला) में नाव पलटने के हादसे का सोमवार को छठा दिन था। इस भयानक घटना में कुल 22 ग्रामीण सवार नाव बाजार से लौटते समय एक डूबे हुए लकड़ी से टकराकर उलट गई थी, जिसमें एक 60 वर्षीय महिला मजई की मौत हो चुकी है।
रविवार को लापता आठ लोगों की तलाश में जुटी टीमों ने शाम को दो शव नदी से बरामद किए थे, जिसके बाद अब छह लोग लापता हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को हवाई सर्वेक्षण के बाद पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और प्रत्येक मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये की सहायता तथा 21.55 करोड़ रुपये के पुनर्वास पैकेज की घोषणा की। बचाव अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसएसबी और स्थानीय गोताखोरों की टीमें लगातार जुटी हैं, लेकिन नदी का तेज प्रवाह और घने जंगल इलाके के कारण चुनौतियां बरकरार हैं।
रविवार सुबह घने कोहरे के बीच एसएसबी की 70वीं बटालियन ने मोर्चा संभाला। कमांडेंट राजन श्रीवास्तव और असिस्टेंट कमांडेंट हरि सिंह के नेतृत्व में 24 जवानों ने नदी किनारे और जंगल क्षेत्र में सघन तलाश की। दोपहर बाद एनडीआरएफ और एसएसबी की संयुक्त टीम को घाघरा बैराज से लगभग पांच किलोमीटर दूर गुलरिया गांव के सामने पहला शव मिला, जिसकी पहचान भरथापुर के नाविक शिवनंदन मौर्य (50 वर्ष) के रूप में हुई। वहीं, दूसरा शव लखीमपुर खीरी जिले के सुजानपुर जंगल में नदी किनारे उतरता हुआ ग्रामीणों ने देखा। इसकी शिनाख्त भरथापुर निवासी सुमन (28 वर्ष) के रूप में हुई।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बचाव दल में हेड कांस्टेबल बी रवी भंडारी, एम राजेश सिंह, मुकेश कुमार सिंह, आशीष गौड़, परेशचंद्र शेट्टी, कांस्टेबल मिथिलेश कुमार, मनोज शिवाजी रावत, पुनीत कुमार, राजेश कुमार मौर्य, अवधेश सिंह तोमर और सुमित जैसे जवान शामिल रहे।
लापता लोगों में नाविक मिहिलाल यादव (38), शिवनंदन मौर्य (50), सुमन (28) और चार बच्चे (5, 7, 9 तथा 10 वर्ष) शामिल हैं। जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने बताया, “नदी का प्रवाह तेज है और क्षेत्र घने जंगलों से घिरा होने से तलाश में कठिनाई आ रही है। फिर भी, जब तक सभी लापता लोगों का पता नहीं चल जाता, अभियान जारी रहेगा। सोमवार सुबह से फिर सर्च शुरू किया जाएगा।” घटना के बाद 13 घायलों को बचाया गया था, जिनका इलाज चल रहा है। सीएम योगी ने घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
सपाइयों को पीड़ित परिवारों से मिलने से रोका, भड़के कार्यकर्ता
इसी बीच, रविवार को भरथापुर गांव के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रही समाजवादी पार्टी (सपा) की टीम को पुलिस ने बॉर्डर पर रोक लिया। इससे तीखी नोकझोंक हुई और काफी बहस के बाद ही उन्हें मिलने दिया गया। मुलाकात के बाद सपाइयों ने शासन-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पीड़ितों से मिलने पर रोक लगाना लोकतंत्र और मानवीय संवेदना का अपमान है।
उन्होंने राहत और पुनर्वास के नाम पर कोई ठोस कदम न उठाने का आरोप लगाया। पूर्व मंत्री बंशीधर बौद्ध, युवजनसभा के प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेश सिंह शैलू, लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष नंदेश्वरनंद यादव, अंबेडकर वाहिनी के जिलाध्यक्ष पेशकार राव और कृष्ण कुमार मौर्या जैसे नेता मौजूद थे। सपाइयों ने चेतावनी दी कि यदि पीड़ितों के लिए उचित सहायता और पुनर्वास की व्यवस्था न हुई, तो सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।
सीएम योगी ने पुनर्वास योजना के तहत प्रभावित परिवारों को उनके मूल गांवों के नाम पर नई कॉलोनियों में बसाने का ऐलान किया है, जहां सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, बहराइच के अन्य प्रभावित गांवों के निवासियों की पहचान कर उनके स्थानांतरण की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
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