बहराइच में घाघरा नदी के किनारे बसे गांवों में भेड़िये का आतंक गंभीर रूप लेता जा रहा है। पिछले तीन हफ्तों में बहराइच के हरदी थाने के अंतर्गत आने वाले करीब आधा दर्जन गांवों में जंगली जानवर ने तीन बच्चों को मार डाला है और एक बच्चे और दो वयस्कों पर हमला किया है।

बाराबंकी के जिला वन अधिकारी (डीएफओ) अजीत प्रताप सिंह ने मीडिया को बताया कि वनकर्मी जंगली जानवर को पकड़ने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने चार गांवों में जाल बिछाए हैं और उसकी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए करीब आठ थर्मो-सेंसर कैमरे लगाए हैं। दस वन टीमें उन गांवों के आस-पास के वन क्षेत्रों में तलाशी ले रही हैं, जहां भेड़िये की मौजूदगी या हमले की सूचना मिली है। स्थानीय लोग अपने बच्चों को अकेले छोड़ने से डरते हैं और वन अधिकारियों की धीमी कार्रवाई से परेशान हैं।

बाराबंकी के जिला वन अधिकारी (डीएफओ) अजीत प्रताप सिंह ने मीडिया को बताया कि वनकर्मी जंगली जानवर को पकड़ने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने चार गांवों में जाल बिछाए हैं और उसकी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए करीब आठ थर्मो-सेंसर कैमरे लगाए हैं। दस वन टीमें उन गांवों के आस-पास के वन क्षेत्रों में तलाशी ले रही हैं, जहां भेड़िये की मौजूदगी या हमले की सूचना मिली है।

मामले से जुड़े एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि हरदी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत नकवा गांव में हाल ही में दो साल की बच्ची प्रतिभा भेड़िये का शिकार हुई थी। उन्होंने बताया कि शनिवार की सुबह जब वह अपनी मां कजरी और पिता राकेश कुमार के साथ घर के बाहर सो रही थी, तभी भेड़िया उसे उठा ले गया।

उन्होंने बताया, “उसकी चीखें सुनकर जब गांव वालों ने लाठी-डंडों से जानवर का पीछा किया तो उसका क्षत-विक्षत शव उसके घर से करीब 300 मीटर दूर गन्ने के खेत में मिला। शरीर के निचले हिस्से को जंगली जानवर ने खा लिया था।”

उन्होंने बताया कि जंगली जानवर ने 17 जुलाई को इसी क्षेत्र के मक्का पुरवा गांव में एक तीन वर्षीय बालक अख्तर को मार डाला था तथा जुलाई के प्रथम सप्ताह में एक अन्य दो वर्षीय बच्चे को उठा ले गया था (जिसका शव भी अभी तक बरामद नहीं हो सका है)। इसी अवधि के दौरान इस जानवर ने संपत गांव में एक आठ वर्षीय लड़के, एक 60 वर्षीय व्यक्ति फकीरे और एक 25 वर्षीय महिला पर भी हमला किया था।

डीएफओ ने यह भी पुष्टि की कि जंगली जानवर ने तीन बच्चों को मार डाला है। उन्होंने आगे बताया कि मक्कापुरवा, कौलैला, भिट्टा और नाथुआपुर गांवों में जाल लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जंगली जानवर का पता लगाने के लिए अभियान तेज कर दिया गया है ताकि कोई और हताहत न हो।

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