
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 31 जुलाई को जारी अपने पूर्वानुमान में अगले सात दिनों (2-8 अगस्त 2025) के लिए पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है।

विशेष रूप से 2 और 3 अगस्त को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, और मेघालय में, तथा 3 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश और बिहार में अत्यधिक भारी बारिश (20 सेमी से अधिक) की संभावना है। यह अलर्ट दक्षिण-पश्चिम मानसून के सक्रिय होने और बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव क्षेत्र (एलपीए) के प्रभाव के कारण जारी किया गया है।
पूर्वोत्तर भारत में मौसम का पूर्वानुमान (2-8 अगस्त 2025)
- 2-3 अगस्त: उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, और मेघालय में भारी से बहुत भारी बारिश (7-20 सेमी) और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश (>20 सेमी)। अरुणाचल प्रदेश में 3 अगस्त को अत्यधिक भारी बारिश की संभावना।
- 3-4 अगस्त: बिहार, असम, और मेघालय में भारी बारिश जारी रहेगी। नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, और त्रिपुरा में भी मध्यम से भारी बारिश (7-11 सेमी) की संभावना।
- 5-8 अगस्त: पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की तीव्रता में कमी आएगी, लेकिन मध्यम बारिश (2-6 सेमी) और कुछ स्थानों पर भारी बारिश (7-11 सेमी) हो सकती है।
- तापमान: अधिकतम तापमान 28-32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 22-26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जो सामान्य से 1-2 डिग्री कम है।
अगस्त-सितंबर 2025 का मानसून पूर्वानुमान
आईएमडी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून का दूसरा चरण (अगस्त-सितंबर) देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा (लंबी अवधि औसत का 106% से अधिक) लाएगा। हालांकि, पूर्वोत्तर भारत (अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा) और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों (बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल) में सामान्य से कम बारिश की आशंका है। यह रुझान पिछले पांच वर्षों (2021-2025) में पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में बारिश की कमी के अनुरूप है।
- औसत वर्षा: 1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर अगस्त-सितंबर में औसतन 422.8 मिमी बारिश होती है। इस साल अगस्त में यह 94-106% के बीच रहने की संभावना है।
- प्रभावित क्षेत्र: मध्य भारत (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़) और दक्षिण-पश्चिमी प्रायद्वीपीय क्षेत्रों (केरल, तमिलनाडु) में भी बारिश सामान्य से कम हो सकती है, जबकि उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी भारत में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है।
हिमालयी राज्यों में बारिश का कहर
- जम्मू-कश्मीर: भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अमरनाथ यात्रा 3 सितंबर तक स्थगित है। पहलगाम और बालटाल मार्ग क्षतिग्रस्त हैं, और कटड़ा-सांझीछत हेलिकॉप्टर सेवा भी बाधित है। 2 अगस्त को श्रीनगर और आसपास के क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश (2-7 सेमी) की संभावना है।
- हिमाचल प्रदेश: 6 अगस्त तक ऑरेंज अलर्ट जारी है। चंडीगढ़-मनाली और मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 283 सड़कें बंद हैं। लाहौल-स्पीति में मशेरन नाला में बाढ़ ने यातायात रोक दिया। 314 बिजली ट्रांसफार्मर और 221 जल आपूर्ति योजनाएं ठप हैं। 2 अगस्त को भारी बारिश (7-11 सेमी) और 3-4 अगस्त को मध्यम बारिश की संभावना है।
- उत्तराखंड: 3-4 अगस्त को भारी बारिश (7-11 सेमी) का अनुमान है। भूस्खलन और सड़क बंद होने की घटनाएं पहले ही कई क्षेत्रों में यातायात को प्रभावित कर चुकी हैं।
पूर्वी और अन्य राज्यों में स्थिति
- झारखंड: दुमका के बामनखेटा गांव में भारी बारिश से घर गिरने से 10 वर्षीय बच्चे की मौत और उसकी बहन घायल। 2-3 अगस्त को रांची, दुमका, और हजारीबाग में भारी बारिश (7-11 सेमी) की संभावना।
- राजस्थान: धौलपुर में पार्वती नदी में मिनी ट्रक बहने से चालक और खलासी लापता। खैरथल-तिजारा में मैनहोल में गिरने से एक युवक की मौत। 4 अगस्त को पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश (7-11 सेमी) की चेतावनी। नागौर में लूनी नदी के उफान के कारण एनएच-458 बंद।
- बिहार: 3 अगस्त को अत्यधिक भारी बारिश (>20 सेमी) की चेतावनी। पटना, भागलपुर, और पूर्णिया में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।
सड़क हादसों पर प्रभाव
मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) में जीटी रोड पर जलभराव के कारण हुए हादसे में एक परिवार के पांच लोगों की मौत और एक बच्ची घायल हो गई। झारखंड और राजस्थान में भी बारिश के कारण सड़क हादसे बढ़े हैं। हाईवे पर जल निकासी की कमी और रोड इंजीनियरिंग की खामियां इन हादसों का प्रमुख कारण बनी हैं।
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