पुणे के ऐतिहासिक शनिवार वाडा किले में मुस्लिम महिलाओं द्वारा नमाज अदा करने का वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक हंगामा मच गया। भाजपा राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी के नेतृत्व में हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और कथित नमाज स्थल पर गौमूत्र व गोबर छिड़ककर ‘शुद्धिकरण अनुष्ठान’ किया।
इस घटना ने सामाजिक सद्भाव को चुनौती दे दी है, जबकि पुलिस ने तीन महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया। महाराष्ट्र मंत्री नितेश राणे ने समर्थन जताया, लेकिन विपक्ष ने इसे सांप्रदायिक उन्माद करार दिया।
घटना शनिवार दोपहर करीब 1:45 बजे की है, जब छह-सात मुस्लिम महिलाओं ने शनिवार वाडा परिसर में नमाज पढ़ी। वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैला, जिसे सांसद कुलकर्णी ने रविवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शेयर किया। उन्होंने लिखा, “शनिवार वाडा ऐतिहासिक स्थल है, क्या यह गैर-हिंदू प्रार्थना स्थल बनेगा? पुणे का वैभव – शनिवार वाडा ऐतिहासिक वारसा स्थल की गैर हिंदू प्रार्थना स्थल?” उन्होंने कसबा पुलिस चौकी के सामने दोपहर 4 बजे विरोध मार्च का आह्वान किया, जिसमें पतित पावन संघटना जैसे संगठनों ने भाग लिया।
कुलकर्णी ने कहा, “यह हर पुणेकर के लिए चिंता और गुस्से का विषय है। पुणे प्रशासन क्या कर रहा है? हमारी विरासत का सम्मान कहां खो रहा है? आइए, हम सब मिलकर अपनी संस्कृति का सम्मान करें।”
प्रदर्शन के दौरान कुलकर्णी व उनके समर्थकों ने कथित नमाज स्थल पर गौमूत्र छिड़का, शिव वंदना की और ‘शुद्धिकरण’ किया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “वीडियो मुझे एक दिन पहले मिला, मैंने तुरंत महाराष्ट्र पुरातत्व विभाग से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि व्यक्तियों को हटा दिया गया। इससे साफ है कि घटना परिसर में हुई। हमने अक्सर देखा है कि नमाज स्थलों पर बाद में धार्मिक स्थल बन जाते हैं। ऐसी अतिक्रमण रोकने के लिए हमने विरोध किया।
शनिवार वाडा छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य की विरासत का प्रतीक है, यहां किसी एक धर्म के अनुष्ठान की अनुमति नहीं दी जा सकती।” कुलकर्णी ने एक्स पर पोस्ट किया, “शनिवार वाडा ऐतिहासिक स्थल है। यह हमारी विजय का प्रतीक है, मराठा साम्राज्य का केंद्र, जो अट्टॉक से कटक तक फैला। यहां नमाज हो तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
विरोध के दौरान तनाव बढ़ा जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने पास की हजरत ख्वाजा सैयद दरगाह को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसकी मांग की गई। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया। टकराव करीब दो घंटे चला, उसके बाद व्यवस्था बहाल हुई। कसबा पुलिस ने एएसआई अधिकारी की शिकायत पर तीन अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिसमें ऐतिहासिक स्मारक में अनधिकृत धार्मिक गतिविधि का आरोप है। पुलिस ने शनिवार वाडा के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: समर्थन और आलोचना का दौर
महाराष्ट्र मंत्री नितेश राणे ने विरोध का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “शनिवार वाडा का इतिहास है। यह हमारी वीरता का प्रतीक है, हिंदू समुदाय के दिल के करीब। अगर वहां नमाज पढ़नी है, तो क्या हाजी अली में हिंदू जाकर हनुमान चालीसा पढ़ें? क्या भावनाएं आहत न होंगी? प्रार्थना केवल निर्धारित स्थलों पर होनी चाहिए। हिंदू कार्यकर्ताओं ने आवाज उठाई, तो यह जायज है।”
विपक्ष ने कड़ी आलोचना की। अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की प्रवक्ता रूपाली पाटिल थोम्बारे ने कहा, “मेधा कुलकर्णी ने पुणे में धार्मिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश की। उनके खिलाफ तुरंत मामला दर्ज हो। शनिवार वाडा सभी पुणेकरों का है, किसी एक समूह या धर्म का नहीं। भाजपा उन्हें काबू में रखे।” शिवसेना (यूबीटी) की सुषमा आंधारे ने कहा, “कुलकर्णी को अपने विचार शुद्ध करने चाहिए। शनिवार वाडा का इतिहास भाजपा को पता है, लेकिन वे सामाजिक सद्भाव बिगाड़ रही हैं।”
कांग्रेस के सचिन सावंत ने तंज कसा, “नमाज पढ़ने पर गौमूत्र छिड़कना? शनिवार वाडा में मस्तानी बाई रहती थीं, क्या वहां भी शुद्धिकरण करेंगे? पेशवा सरदारों ने ही चत्रपति का झंडा उतारकर यूनियन जैक फहराया था। अगर मुस्लिम महिलाएं ईश्वर का नाम लें, तो भाजपा का पेट दर्द क्यों? क्यों न खुद ‘राम राम’ जपें?” समाजवादी पार्टी के अबू आजिम आजमी ने निंदा की, “यह असहनीय है। भारत के मुसलमानों ने राष्ट्र के लिए कुर्बानियां दीं। ब्रिटिश समर्थक सत्ता में हैं और मुसलमानों के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं। उन्हें इसका जवाब मिलेगा।”
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