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पीलीभीत में बारिश और बाढ़ का कहर: शारदा और देवहा नदियां उफान पर, स्कूल-कॉलेज इतने दिन बंद

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उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में लगातार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। रविवार को आठ घंटे की मूसलाधार बारिश, जिसमें 55 मिमी वर्षा दर्ज की गई, ने मानसून सीजन के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। सोमवार सुबह भी बारिश का सिलसिला जारी रहा, जिससे शहर के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए।

शारदा और देवहा नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने से नदी किनारे बसे गांवों और शहर के कई हिस्सों में जलभराव की स्थिति गंभीर हो गई है। प्रशासन ने हालात को देखते हुए सोमवार और मंगलवार (1-2 सितंबर 2025) को कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूल-कॉलेज और उच्च शिक्षा संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया है।

बारिश और जलभराव से बिगड़े हालात

रविवार को हुई 55 मिमी बारिश ने पीलीभीत शहर के मुख्य मार्गों और गलियों को जलमग्न कर दिया। स्टेशन मार्ग, रंगलाल चौराहा, मधुवन बाग, बीसलपुर बस स्टैंड, गैस चौराहा, चूड़ी मार्केट, साहूकारा मोहल्ला, सुनगढ़ी, नखासा, एकता नगर कॉलोनी, फीलखाना, काला मंदिर, गोदावरी स्टेट कॉलोनी, वल्लभनगर कॉलोनी, अशोक कॉलोनी, और सुरभि कॉलोनी जैसे इलाकों में दो से चार फीट तक पानी भर गया।

कचहरी परिसर और जिला अस्पताल सहित सरकारी कार्यालयों में भी जलभराव हुआ, जिससे आवागमन और दैनिक कार्य बुरी तरह प्रभावित हुए। गौहनिया तालाब के ओवरफ्लो होने से पीलीभीत बरातघर मार्ग और टनकपुर हाईवे भी पानी में डूब गए।

शारदा और देवहा नदियां उफान पर

लगातार बारिश और उत्तराखंड के नानक सागर डैम से छोड़े गए पानी के कारण शारदा और देवहा नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। शारदा नदी में 1.30 लाख क्यूसेक और देवहा नदी में 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे नदियां उफान पर हैं। शारदा नदी का जलस्तर 218.10 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान (221.70 मीटर) से थोड़ा नीचे है, जबकि देवहा नदी का जलस्तर 188.67 मीटर है, जो खतरे के निशान (192 मीटर) से नीचे है।

पूरनपुर क्षेत्र के हजारा और शास्त्रीनगर गांवों में तीन से चार फीट तक पानी भर गया, और कबूलपुर, शेखापुर, मुडिया कुंडरी, पुरैना, टयूलिया रंपुरा जैसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। ब्रह्मचारी घाट पर देवहा नदी ने कटान शुरू कर दिया, जिससे शिव मंदिर को खतरा पैदा हो गया है।

प्रशासन का अलर्ट और राहत कार्य

जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने बढ़ते जलस्तर और जलभराव को देखते हुए प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा है। नदी किनारे बसे गांवों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थिति पर नजर रखे हुए है, और NDRF, SDRF, और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं। कबूलपुर गांव को बाढ़ ने पूरी तरह घेर लिया है, और प्रशासन ने 15 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को अलर्ट जारी किया है। सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी और उपासना पांडेय ने पुलिस बल के साथ प्रभावित क्षेत्रों में माइक से घोषणाएं कर लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की।

स्कूल-कॉलेज बंद, यातायात बाधित

जलभराव और बाढ़ के खतरे को देखते हुए डीएम ने 1 और 2 सितंबर को कक्षा 1 से 8 तक के परिषदीय और निजी स्कूलों के साथ-साथ कक्षा 6 से 12 तक के स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में अवकाश घोषित किया है। कई मार्ग, जैसे मझोला से सितारगंज को जोड़ने वाली सड़क, भरापचपेड़ा इलाके में बह जाने से बंद हो गए हैं। टनकपुर हाईवे और बरातघर मार्ग पर भी यातायात बाधित है।

राहत और बचाव कार्य

प्रशासन ने निचले इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए नावों और हेलिकॉप्टरों का उपयोग शुरू किया है। राहत किट और खाद्य सामग्री वितरित की जा रही हैं, और चिकित्सीय टीमें प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य जांच कर रही हैं। हालांकि, लगातार बारिश और नदियों में बढ़ता जलस्तर राहत कार्यों में बाधा डाल रहा है। प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे न जाने और पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की अपील की है।

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