
पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर इस महीने फिर से अमेरिका का दौरा करेंगे, जो दो महीने में उनकी दूसरी वाशिंगटन यात्रा होगी।

यह यात्रा पाकिस्तान और अमेरिका के बीच गहराते सैन्य और रणनीतिक संबंधों का संकेत देती है। मुनीर यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल ई. कुरिल्ला के विदाई समारोह में शामिल होंगे, जिन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद-निरोधी गतिविधियों में “असाधारण साझेदार” बताया था।
जनरल माइकल कुरिल्ला, जो मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य अभियानों की देखरेख करने वाले चार सितारा सेना जनरल हैं, इस महीने सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनकी विदाई समारोह टाम्पा, फ्लोरिडा में CENTCOM मुख्यालय में होने की संभावना है। कुरिल्ला ने जून में अमेरिकी हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान की तारीफ की थी, जब उन्होंने कहा कि अमेरिकी खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तान ने पांच ISIS-खुरासान (ISIS-K) आतंकवादियों को पकड़ा। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान आतंकवाद-निरोधी दुनिया में एक असाधारण साझेदार रहा है… इसलिए हमें भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है।”
यह बयान तब आया जब भारत, अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 लोगों की जान गई थी) के बाद पाकिस्तान की आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली भूमिका को वैश्विक मंच पर उजागर करने की कोशिश कर रहा था। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। कुरिल्ला के बयान को भारत ने पश्चिमी देशों की पुरानी नीति के रूप में देखा, जो भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में तौलती है, जिसे नई दिल्ली ने नाराजगी के साथ लिया।
पाकिस्तान का सम्मान और गहराते संबंध
पाकिस्तान ने कुरिल्ला की प्रशंसा का जवाब जुलाई 2025 में इस्लामाबाद में उनकी यात्रा के दौरान उन्हें “निशान-ए-इम्तियाज़” (सैन्य), अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक, प्रदान करके दिया। यह समारोह राष्ट्रपति भवन में आयोजित हुआ, जिसमें त्रि-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर भी शामिल था, जो दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुनीर की यह दूसरी यात्रा जून 2025 में उनकी ऐतिहासिक अमेरिकी यात्रा के बाद हो रही है, जब उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस में एक निजी दो घंटे की दोपहर की भेंट की थी। यह पहली बार था जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने बिना किसी पाकिस्तानी नागरिक अधिकारी की मौजूदगी के एक सैन्य नेता की मेजबानी की। ट्रंप ने मई 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मुनीर की भूमिका की सार्वजनिक रूप से सराहना की और कहा, “मैंने उन्हें इसलिए बुलाया था ताकि मैं उन्हें युद्ध न शुरू करने और इसे खत्म करने के लिए धन्यवाद दूं।”
इसके जवाब में, मुनीर ने ट्रंप को भारत-पाकिस्तान के बीच “परमाणु युद्ध टालने” के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करने का समर्थन किया। बाद में, पाकिस्तान सरकार ने औपचारिक रूप से ट्रंप को नामांकित भी किया। यह कदम ट्रंप की प्रशंसा हासिल करने की पाकिस्तान की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
भारत के लिए निहितार्थ और विवाद
मुनीर की लगातार अमेरिकी यात्राएँ और अमेरिका-पाकिस्तान के बीच बढ़ता सैन्य सहयोग भारत के लिए चिंता का विषय है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे “भारत के लिए बड़ा कूटनीतिक झटका” करार दिया, विशेष रूप से पहलगाम हमले से पहले मुनीर के भड़काऊ बयानों को देखते हुए, जिसमें उन्होंने दो-राष्ट्र सिद्धांत को बढ़ावा दिया और कश्मीर को पाकिस्तान की “जुगुलर वेन” बताया था।
ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच 10 मई 2025 को हुए युद्धविराम में मध्यस्थता की, लेकिन भारत ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि युद्धविराम सीधे इस्लामाबाद के साथ बातचीत के जरिए हुआ। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने स्पष्ट किया कि इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी। भारत ने 33 देशों और यूरोपीय संघ में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजकर पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन के लिए अलग-थलग करने की कोशिश की है।
CENTAIC और क्षेत्रीय संदर्भ
मुनीर की यात्रा का समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह चीन-पाकिस्तान सैन्य एकीकरण, विशेष रूप से सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड कंप्यूटिंग (CENTAIC) के संदर्भ में भी देखा जा रहा है। CENTAIC, जिसे 2020 में स्थापित किया गया था, PAF को नेटवर्क-केंद्रित बल में बदलने और PLA वायु सेना के साथ एकीकृत करने का लक्ष्य रखता है। राहुल गांधी ने संसद में दावा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन से वास्तविक समय युद्धक्षेत्र की जानकारी मिल रही थी, जो CENTAIC के माध्यम से संभव हो सकती है। (पिछला लेख देखें)
विरोध और प्रतिक्रियाएँ
मुनीर की अमेरिका यात्रा को लेकर पाकिस्तानी प्रवासियों, विशेष रूप से इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के समर्थकों ने वाशिंगटन में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। PTI ने मुनीर पर मानवाधिकार उल्लंघन और लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने का आरोप लगाया है। न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में डिजिटल बिलबोर्ड पर मुनीर की तस्वीरों के साथ स्वागत संदेश भी प्रदर्शित किए गए, जिसे पाकिस्तानी समुदाय के एक वर्ग ने “प्रचार” करार दिया।
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