
सीबीएस न्यूज़ ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि इज़राइल ईरान पर सैन्य अभियान शुरू करने की पूरी तैयारी कर चुका है। इसके जवाब में अमेरिका ने अपने नागरिकों और गैर-आपातकालीन सरकारी कर्मचारियों को इराक छोड़ने की सलाह दी है।

आशंका है कि ईरान जवाबी कार्रवाई के तहत इराक में मौजूद अमेरिकी ठिकानों को निशाना बना सकता है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने इज़राइल के संभावित हमले के जवाब में सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलों से पलटवार की योजना बनाई है।
अमेरिकी प्रतिक्रिया और निकासी
अमेरिकी विदेश विभाग ने 11 जून 2025 को इराक, बहरीन, और कुवैत में अपने दूतावासों से गैर-जरूरी कर्मचारियों और उनके परिवारों को स्वैच्छिक निकासी की अनुमति दी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन के कैनेडी सेंटर में पत्रकारों से कहा, “हम लोगों को मध्य पूर्व से निकाल रहे हैं, क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है।” उन्होंने ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने की प्रतिबद्धता दोहराई, यह कहते हुए, “हम इसे बिल्कुल अनुमति नहीं देंगे।” विदेश विभाग ने जोर देकर कहा कि ट्रंप अमेरिकियों को घर और विदेश में सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और इसीलिए इराक में दूतावास के कर्मियों की संख्या कम की जा रही है।
परमाणु वार्ता और क्षेत्रीय तनाव
अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते पर छठे दौर की वार्ता विफल होने से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। ट्रंप के मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ 15 जून को मस्कट में ईरान के साथ अगले दौर की बातचीत की योजना बना रहे हैं, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि इज़राइल की सैन्य तैयारियों से यह प्रक्रिया बाधित हो सकती है। ईरान ने अपनी वायु रक्षा प्रणालियों को मजबूत किया है, जिसमें हाल ही में पश्चिमी अज़रबैजान और फारस की खाड़ी के पास नए घदीर रडार स्थापित किए गए हैं।
इज़राइल-ईरान संघर्ष का संदर्भ
इज़राइल और ईरान के बीच तनाव का इतिहास लंबा है, जिसमें गाजा युद्ध, हिज़बुल्लाह और हमास जैसे ईरानी समर्थित समूहों के साथ छद्म युद्ध शामिल हैं। 1 अक्टूबर 2024 को ईरान ने “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 2” के तहत इज़राइल पर 180 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं, जिसे इज़राइल ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जॉर्डन की मदद से ज्यादातर निष्क्रिय कर दिया था। जवाब में, इज़राइल ने 26 अक्टूबर 2024 को ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिसने ईरान की वायु रक्षा प्रणालियों की कमजोरियों को उजागर किया। इज़राइल अब ईरान के परमाणु और तेल ढांचे को निशाना बनाने की योजना बना रहा है, जिसे अमेरिका ने बढ़ते तनाव के कारण रोकने की सलाह दी है।
क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव
ईरान ने क्षेत्रीय देशों जैसे सऊदी अरब, कतर, और जॉर्डन से अपील की है कि वे इज़राइल को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग न करने दें। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने हाल ही में क्षेत्रीय दौरे किए, जिसमें उन्होंने युद्ध से बचने की इच्छा जताई, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि इज़राइल के हमले का जवाब दिया जाएगा। यदि इज़राइल परमाणु या तेल सुविधाओं पर हमला करता है, तो ईरान ने बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। विश्लेषकों का कहना है कि इससे पूरे क्षेत्र में युद्ध छिड़ सकता है, जिसका असर वैश्विक तेल आपूर्ति और अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
भारत का दृष्टिकोण
भारत ने क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है और अपने नागरिकों को इराक, लेबनान, और इज़राइल की यात्रा से बचने की सलाह दी है। भारत, जो ईरान से तेल आयात करता है और इज़राइल के साथ रक्षा सहयोग रखता है, दोनों देशों के साथ संतुलित रुख बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। हाल के महीनों में भारत ने क्षेत्रीय स्थिरता के लिए मध्यस्थता की पेशकश की है, लेकिन इज़राइल-ईरान तनाव ने इसे जटिल बना दिया है।
The post पश्चिम एशिया में तनाव: इज़राइल की ईरान पर सैन्य कार्रवाई की तैयारी, अमेरिका ने नागरिकों को दी ये बड़ी सलाह appeared first on Live Today | Hindi News Channel.