
पटना में जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर के नेतृत्व में विधानसभा घेराव के लिए निकले हजारों प्रदर्शनकारियों पर चितकोहरा गोलंबर के पास पुलिस ने लाठीचार्ज किया। यह प्रदर्शन बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), बढ़ते अपराध और सरकारी वादाखिलाफी के खिलाफ था।

सुबह 11 बजे से शुरू होने वाला यह प्रदर्शन दोपहर 1 बजे तक विफल रहा, क्योंकि पुलिस की बैरिकेडिंग और सख्ती के कारण न तो प्रशांत किशोर और न ही उनके समर्थक विधानसभा या गर्दनीबाग के धरनास्थल तक पहुंच सके। लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ता घायल हुए, और इलाके में अफरातफरी मच गई।
जन सुराज ने बेली रोड से एयरपोर्ट के रास्ते गर्दनीबाग की ओर मार्च शुरू किया था, लेकिन चितकोहरा गोलंबर पर पुलिस ने रास्ता रोक दिया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक के बाद लाठीचार्ज शुरू हुआ, जिससे कई कार्यकर्ता चोटिल हो गए। जन सुराज ने इस कार्रवाई को लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया और कहा कि नीतीश सरकार जनता के सवालों से भाग रही है।
प्रदर्शन का मकसद तीन प्रमुख मुद्दों को उठाना था। पहला, सरकार ने गरीब परिवारों को रोजगार के लिए 2 लाख रुपये की सहायता देने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ। दूसरा, दलित भूमिहीन परिवारों को 3 डिसमिल जमीन देने का वादा अधूरा है। तीसरा, भूमि सर्वेक्षण में भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इसके अलावा, बिहार में SIR को लेकर विवाद और बढ़ते अपराध भी प्रदर्शन के प्रमुख कारण थे। पार्टी ने इन मुद्दों पर 1 करोड़ हस्ताक्षर जुटाए थे, जिन्हें विधानसभा के मानसून सत्र में पेश करने की योजना थी।
पुलिस ने विधानसभा की ओर जाने वाले रास्तों, जैसे बेली रोड और आयकर गोलंबर, पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। प्रदर्शनकारियों को चितकोहरा पुल के रास्ते धरनास्थल तक जाने की अनुमति दी गई, लेकिन वहां भी पुलिस ने उन्हें रोक दिया। प्रशांत किशोर का काफिला चितकोहरा में अटक गया, और वह तय समय तक धरनास्थल नहीं पहुंच सके। जन सुराज के प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार सवालों से बचने के लिए पुलिस की ताकत का इस्तेमाल कर रही है।
RJD और कांग्रेस ने जन सुराज के प्रदर्शन को समर्थन दिया और SIR को “वोटबंदी” और लोकतंत्र के खिलाफ साजिश बताया। तेजस्वी यादव ने कहा कि SIR से गरीबों और अल्पसंख्यकों के वोटिंग अधिकार छीने जा रहे हैं। दूसरी ओर, BJP ने SIR को पारदर्शी प्रक्रिया करार दिया और प्रदर्शन को राजनीतिक ड्रामा बताया। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि SIR का मकसद केवल गैर-नागरिकों को वोटर लिस्ट से हटाना है।
एक्स पर इस लाठीचार्ज की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। कुछ यूजर्स ने इसे नीतीश सरकार की तानाशाही बताया, तो कुछ ने प्रशांत किशोर पर पब्लिसिटी स्टंट का आरोप लगाया। यह घटना बिहार में बढ़ते सियासी तनाव को दर्शाती है, खासकर विधानसभा चुनाव 2025 से पहले। जन सुराज ने इसे व्यवस्था परिवर्तन की शुरुआत बताया, लेकिन पुलिस की सख्ती ने उनके आंदोलन को रोक दिया। आने वाले दिन इस प्रदर्शन को और तूल दे सकते हैं, क्योंकि SIR का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है।
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