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पंजाब में बाढ़ का कहर: सभी 23 जिले प्रभावित, 1400 से अधिक गांव जलमग्न, स्कूल-कॉलेज 7 सितंबर तक बंद

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पंजाब में भारी बारिश और बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है। राज्य के सभी 23 जिलों में 1400 से अधिक गांव पानी में डूब गए हैं, जिससे 3 लाख 54 हजार 626 लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक 19,597 लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला जा चुका है।

लगभग चार लाख एकड़ से ज्यादा फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है, और पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पंजाब सरकार ने पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है।

मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2025 के तहत आदेश जारी किए हैं, जिसमें सभी जिला मजिस्ट्रेटों और विभागों को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बाढ़ के कारण प्रदेश में सभी सरकारी, सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त और निजी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और पॉलिटेक्निक संस्थान 7 सितंबर 2025 तक बंद रहेंगे। आदेशों में कहा गया है कि भारी मानसूनी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी ने कई जिलों में व्यापक बाढ़ पैदा कर दी है, और आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।

लगभग 3.75 लाख एकड़ कृषि भूमि, विशेष रूप से धान के खेत, पानी में डूब चुकी है, जिससे फसलों का भारी नुकसान हुआ है। पशुधन की हानि ने ग्रामीण परिवारों की आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। मुख्य सचिव ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे आपदा से निपटने के लिए आवश्यक आदेश जारी करें। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को तत्काल राहत उपाय करने और सभी लाइन विभागों को आपातकालीन कार्यों को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है। पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन विभाग और पीएसपीसीएल को सेवाओं की बहाली के लिए युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश हैं। टेलीकॉम कंपनियों से मोबाइल और लैंडलाइन सेवाएं तुरंत बहाल करने को कहा गया है। पंचायतों और शहरी निकायों को राहत और पुनर्वास कार्यों में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया गया है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान आज संगरूर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। वे मकरोड साहिब का निरीक्षण करेंगे और घग्गर नदी पर बने दो पुलों की स्थिति का जायजा लेंगे। साथ ही, राहत और बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज बाढ़ राहत सामग्री लेकर पंजाब पहुंच रहे हैं। दिल्ली से रोजाना राहत सामग्री के ट्रक पंजाब जाएंगे, और पार्टी के नेता, विधायक, सांसद और आम लोग राहत कार्यों में सहयोग करेंगे। देशभर से लोग और संगठन पंजाब की इस त्रासदी में मदद के लिए आगे आ रहे हैं।

भाखड़ा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से मोगा जिले के तीन गांव—संघेड़ा, कंबो खुर्द और सेरेवाला—पानी में डूब गए हैं। लगभग 250 घर जलमग्न हो चुके हैं। लोग नावों के जरिए सामान निकाल रहे हैं और पशुओं को नदी के बांधों पर ले जाकर रख रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जलस्तर और बढ़ने से स्थिति और खराब हो सकती है। पहले से ही सतलुज के किनारे बसे 30 गांवों की 6,000 एकड़ फसल डूब चुकी है। मोगा जिला प्रशासन ने दो सरकारी स्कूलों में राहत कैंप स्थापित किए हैं, जहां साफ पानी, भोजन और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।

भाखड़ा बांध का जलस्तर 1678 फीट तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से केवल दो फीट कम है। कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस ने बताया कि 5 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। लोगों से राहत कैंपों में जाने की अपील की गई है।

सांसद राघव चड्ढा ने अपनी सांसद निधि से 3.25 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें 2.75 करोड़ गुरदासपुर में बांधों की मरम्मत और 50 लाख अमृतसर में राहत कार्यों के लिए हैं। उन्होंने राहत कार्यों में जुटे सेना, एनडीआरएफ, बीएसएफ, पुलिस, डॉक्टरों, एनजीओ और युवाओं की सराहना की और केंद्र से अधिक सहायता की मांग करने का आश्वासन दिया।

जालंधर के बस्ती शेख क्षेत्र में भारी बारिश के कारण एक मकान ढह गया। सौभाग्य से हादसे के समय घर खाली था, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ।

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