
पंजाब में धान की कटाई का मौसम शुरू होते ही पराली जलाने की घटनाएँ एक बार फिर सामने आने लगी हैं।

पंजाब में धान की कटाई का मौसम शुरू होते ही पराली जलाने की घटनाएँ एक बार फिर सामने आने लगी हैं। पंजाब सरकार द्वारा उपग्रह से की गई निगरानी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में राज्य में पराली जलाने की 62 घटनाएँ हुईं। दोषी किसानों के खिलाफ कुल 14 एफआईआर भी दर्ज की गईं। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को अक्टूबर और नवंबर के दौरान दिल्ली के बिगड़ते वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। धान की कटाई और रबी की फसल, खासकर गेहूं की बुवाई के बीच बहुत कम समय होने के कारण, कई किसान अपने खेतों को साफ करने के लिए पराली जलाने का सहारा लेते हैं।
अमृतसर ज़िले में पराली जलाने की तीन, कपूरथला में एक और तरनतारन में दो घटनाएँ सामने आईं। 15 सितंबर से अब तक पंजाब में पराली जलाने की कुल 62 घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। इनमें से सबसे ज़्यादा 38 घटनाएँ अमृतसर ज़िले में दर्ज की गईं। बरनाला से दो, बठिंडा, फिरोजपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, संगरूर, एसएएस नगर और मालेरकोटला से एक-एक, पटियाला से सात और तरनतारन से सात घटनाएं सामने आईं। आंकड़ों से यह भी पता चला है कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के तहत, जो किसी लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा से संबंधित है, अमृतसर में 13 सहित 14 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 27 मामलों में 1.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है और इसमें से 50,000 रुपये वसूले जा चुके हैं।
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