दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को छावला स्थित बीएसएफ कैंप में दिल्ली जल बोर्ड की नई पाइपलाइन परियोजना का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ भाई दूज का पर्व मनाया और क्लाउड सीडिंग तकनीक को दिल्ली के प्रदूषण नियंत्रण के लिए आवश्यक बताया। 1982 से पानी की आपूर्ति से वंचित इस कैंप में अब पाइपलाइन का कार्य शुरू हो गया है। सीएम ने कहा कि यह पहला प्रयोग होगा, जो दिल्ली की पर्यावरणीय समस्याओं पर काबू पाने में मददगार साबित हो सकता है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “क्लाउड सीडिंग दिल्ली के लिए एक आवश्यकता है और यह अपनी तरह का पहला प्रयोग है। हम इसे दिल्ली में आजमाना चाहते हैं ताकि यह देखा जा सके कि क्या यह इस गंभीर पर्यावरणीय समस्या को नियंत्रित करने में हमारी मदद कर सकता है। इसलिए दिल्ली के लोगों का आशीर्वाद सरकार के साथ है, और हमें लगता है कि यह एक सफल प्रयोग होगा और भविष्य में, हम इन पर्यावरणीय समस्याओं पर काबू पा सकेंगे।” उन्होंने बताया कि बुधवार को बुराड़ी क्षेत्र में इसका सफल परीक्षण किया गया। मौसम विभाग ने 28, 29 और 30 अक्टूबर को बादलों की मौजूदगी की संभावना जताई है। यदि परिस्थितियां अनुकूल रहीं, तो 29 अक्टूबर को दिल्ली पहली कृत्रिम बारिश का अनुभव करेगी।
सीएम ने अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ भाई दूज मनाते हुए कहा, “ये कैंप 1982 में स्थापित किया गया था। तब से यहां पानी की पाइपलाइन नहीं पहुंची है। मैंने अपने भाइयों से वादा किया था कि हम जल्द ही यहां पानी की पाइपलाइन लाएंगे। मुझे खुशी है कि इस भाई दूज पर मैं पानी की पाइपलाइन चालू करने का काम शुरू कर पाई। मैं अपने सभी भाइयों से वादा करती हूं कि अगर आप मुझे कोई भी काम सौंपेंगे, तो हमारी सरकार उसे जल्द से जल्द पूरा करेगी।” उन्होंने महिलाओं के लिए रात के समय काम करने की अनुमति पर भी कहा, “मुझे यह सोचकर हैरानी होती है कि महिलाओं को रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक काम करने का अधिकार क्यों नहीं दिया गया था। हमने इसे निरस्त कर दिया है। अब महिलाएं अपनी सुविधानुसार कभी भी काम कर सकती हैं।”
दूसरी ओर, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्लाउड सीडिंग को दिल्ली सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, “रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने क्लाउड सीडिंग का एक बड़ा प्रयोग सफलतापूर्वक किया है। कल एक सेसना विमान ने दिल्ली के बुराड़ी में छोटे बादलों पर क्लाउड सीडिंग की। अब हम 29 तारीख के आसपास क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश होने का इंतजार कर रहे हैं। पूरी तैयारी कर ली गई है ताकि जैसे ही बादल आएं, उन्हें सीडिंग करके बारिश कराई जा सके।” सिरसा ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से हुए परीक्षण का जिक्र किया, जिसमें केसना विमान से फ्लेयर्स दागे गए। उन्होंने कहा कि यह प्रदूषण से निपटने का वैज्ञानिक तरीका है, और पूर्व सरकारों ने केवल बातें कीं जबकि हमने सात महीनों में सभी अनुमतियां और एमओयू पूरे कर लिए।
सीएम रेखा गुप्ता ने छठ पूजा की तैयारियों का भी जायजा लिया। उन्होंने बताया कि दिल्ली में करीब 1500 जगहों पर छठ घाट बनाए गए हैं, जिनमें यमुना किनारे 17 घाट शामिल हैं। सरकार छठ महोत्सव की सारी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। यह कदम दिल्ली की पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जहां क्लाउड सीडिंग से प्रदूषण कम करने की उम्मीद बंधी है।
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