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तेजस एमके2 से एएमसीए तक: चार आगामी भारतीय विमान जो 2035 तक भारतीय वायु सेना की कायापलट कर देंगे

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भारत का वायु प्रभुत्व और रक्षा क्षेत्र एक बड़े बदलाव के कगार पर है, और चार उन्नत स्वदेशी विमान परियोजनाओं से 2035 तक भारतीय वायु सेना (IAF) और नौसेना की क्षमताओं को नए सिरे से परिभाषित करने की उम्मीद है।

भारत का वायु प्रभुत्व और रक्षा क्षेत्र एक बड़े बदलाव के कगार पर है, और चार उन्नत स्वदेशी विमान परियोजनाओं से 2035 तक भारतीय वायु सेना (IAF) और नौसेना की क्षमताओं को नए सिरे से परिभाषित करने की उम्मीद है। इनमें उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA), तेजस Mk-2, ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर (TEDBF), और नेत्र Mk-2 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) प्लेटफ़ॉर्म शामिल हैं। ये सभी परियोजनाएँ रक्षा उत्पादन और अगली पीढ़ी की वायु शक्ति में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती हैं।

उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) भारत का पहला पाँचवीं पीढ़ी का बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित किया जा रहा है। इसे हवाई श्रेष्ठता, दूर से हमला करने और गुप्त अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है। एएमसीए में रडार-अवशोषक सामग्री, एक आंतरिक हथियार बे और रडार क्रॉस-सेक्शन को कम करने के लिए एक कम-अवलोकन योग्य एयरफ्रेम होगा। इसके दो इंजन शुरुआत में GE F414s होंगे, और बाद के संस्करणों में एक अधिक शक्तिशाली स्वदेशी इंजन को एकीकृत करने की योजना है। उन्नत सुविधाओं में AI-सहायता प्राप्त उड़ान नियंत्रण, एक बड़े क्षेत्र का टचस्क्रीन कॉकपिट डिस्प्ले और बेहतर स्थितिजन्य जागरूकता के लिए सेंसर फ़्यूज़न शामिल हैं।

तेजस एमके-2, जिसे मध्यम भार वाला लड़ाकू विमान (एमडब्ल्यूएफ) भी कहा जाता है, मौजूदा तेजस एमके-1 का उन्नत संस्करण है। इसका उद्देश्य हल्के लड़ाकू विमानों और राफेल जैसे भारी बहुउद्देशीय विमानों के बीच क्षमता के अंतर को पाटना है। एमके-2 स्वदेशी उत्तम एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (एईएसए) रडार, 200 किलोमीटर तक की डिटेक्शन रेंज और एक एकीकृत इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (आईआरएसटी) सिस्टम से लैस होगा। इसमें एक एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट, एक उन्नत डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर और एक विस्तृत क्षेत्र डिस्प्ले वाला पूरी तरह से ग्लास कॉकपिट भी होगा।

भारी हथियार भार ले जाने में सक्षम, एमके-2 में एस्ट्रा दृश्य-सीमा से परे मिसाइलें, सटीक-निर्देशित बम और स्टैंड-ऑफ हथियार तैनात होंगे। इसकी पहली उड़ान 2026 में लक्षित है, और 2028 तक इसके शामिल होने की उम्मीद है, जिससे यह भारतीय वायुसेना के भविष्य के बेड़े का एक प्रमुख घटक बन जाएगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोतों के लिए ट्विन इंजन डेक-बेस्ड फाइटर (TEDBF) विकसित किया जा रहा है। यह मिग-29K की जगह लेगा और समुद्र-आधारित प्लेटफार्मों से हवाई रक्षा और हमले के संचालन के लिए अनुकूलित एक बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान होगा।

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