
भारत-पाकिस्तान सीमा पर जासूसी का एक और मामला सामने आया है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। जैसलमेर के चांधन गांव के रहने वाले महेन्द्र सिंह को सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में लिया है।

महेन्द्र डीआरडीओ के गेस्ट हाउस में मैनेजर के रूप में कार्यरत था, जो सैन्य परीक्षणों से जुड़े अधिकारियों और वैज्ञानिकों के ठहरने का प्रमुख स्थान है। उन पर आरोप है कि उन्होंने पोकरण फायरिंग रेंज जैसे संवेदनशील सैन्य क्षेत्रों की गोपनीय जानकारी पाकिस्तान भेजी। उनके मोबाइल और चैट्स से कई महत्वपूर्ण सूचनाएं लीक होने के सबूत मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, लंबे समय से उन पर नजर रखी जा रही थी, और अब सुरक्षा एजेंसियां व मिलिट्री इंटेलिजेंस इस मामले की गहन जांच कर रही हैं।
इससे पहले, करीब तीन महीने पहले जैसलमेर से ही एक अन्य जासूसी मामला उजागर हुआ था, जिसमें राजस्थान सरकार के एक पूर्व मंत्री के पीए शकूर खां को गिरफ्तार किया गया था। शकूर खां सीमावर्ती क्षेत्रों में होने वाली सरकारी बैठकों में शामिल होने के बहाने भारतीय सेना की गतिविधियों और रणनीतिक जानकारियों को पाकिस्तान भेजता था।
पूछताछ में पता चला कि वह सात बार पाकिस्तान जा चुका है और वहां सिंध प्रांत के रहीम यार खान, सक्खर और घोटकी में उसके रिश्तेदार हैं। उस पर पाकिस्तान से मोटी रकम लेने का भी आरोप है, जो उसके बैंक खातों में जमा होती थी। इस मामले की जांच भी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं।
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