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जीएसटी 2.0: 22 सितंबर से लागू नई दरें, क्या होगा सस्ता-महंगा, 40% टैक्स किन पर?

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जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में 3 सितंबर 2025 को अप्रत्यक्ष करों में ऐतिहासिक सुधारों को मंजूरी दी गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि नई जीएसटी दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी, जो नवरात्रि के पहले दिन से प्रभावी होंगी।

इस सुधार के तहत 12% और 28% टैक्स स्लैब को खत्म कर दो मुख्य स्लैब—5% और 18%—को बरकरार रखा गया है, साथ ही विलासिता और हानिकारक वस्तुओं (सिन गुड्स) के लिए 40% का विशेष टैक्स स्लैब शुरू किया गया है। इन बदलावों से 175 से अधिक वस्तुएं सस्ती होंगी, जबकि कुछ लग्जरी और सिन गुड्स महंगे होंगे। आइए जानते हैं कि क्या सस्ता होगा, क्या महंगा होगा और 40% टैक्स किन वस्तुओं पर लागू होगा।

क्या होगा सस्ता?

नई जीएसटी दरों के तहत आम जनता के दैनिक उपयोग की कई वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है। निम्नलिखित वस्तुएं और सेवाएं सस्ती होंगी:

  • खाद्य वस्तुएं:
  • अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (UHT) दूध, पनीर, छेना, सभी भारतीय ब्रेड (रोटी, परांठा, खाकरा आदि) पर जीएसटी 5% से घटाकर 0% किया गया।
  • नमकीन, भुजिया, सॉस, पास्ता, इंस्टेंट नूडल्स, कॉर्नफ्लेक्स, कॉफी, मक्खन, घी, ड्राई फ्रूट्स, जाम, फ्रूट जैली, शुगर कन्फेक्शनरी, 20 लीटर पैकेज्ड पानी पर टैक्स 12% या 18% से घटाकर 5%।
  • दैनिक उपयोग की वस्तुएं:
  • हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप, साबुन, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, बाइसिकिल, टेबलवेयर, किचनवेयर, फर्नीचर पर टैक्स 12% या 18% से घटाकर 5%।
  • स्वास्थ्य और चिकित्सा:
  • 33 जीवन रक्षक दवाएं (विशेष रूप से कैंसर और दुर्लभ बीमारियों की दवाएं) पर टैक्स 12% से घटाकर 0%।
  • मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन, आयोडीन, पोटेशियम आयोडेट, डायग्नोस्टिक किट, थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर पर टैक्स 12% से घटाकर 5%।
  • व्यक्तिगत जीवन बीमा (टर्म, यूलिप, एंडोमेंट) और स्वास्थ्य बीमा (फैमिली फ्लोटर, वरिष्ठ नागरिक पॉलिसी) पर टैक्स 18% से घटाकर 0%।
  • कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा:
  • बायो-पेस्टीसाइड्स, प्राकृतिक मेंथॉल, ड्रिप इरिगेशन सिस्टम, ट्रैक्टर, कृषि उपकरणों पर टैक्स 12% से घटाकर 5%।
  • सोलर कुकर, सोलर वॉटर हीटर, विंडमिल, सोलर पीवी सेल्स पर टैक्स 12% से घटाकर 5%।
  • कपड़ा और हस्तशिल्प:
  • मानव निर्मित फाइबर पर टैक्स 18% से घटाकर 5%, मानव निर्मित यार्न पर 12% से 5%।
  • हस्तशिल्प, मार्बल, ग्रेनाइट ब्लॉक, 2500 रुपये से कम कीमत वाले फुटवेयर, कारपेट, टेराकोटा टेबलवेयर पर टैक्स 12% से घटाकर 5%।
  • परिवहन और ऑटोमोबाइल:
  • इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पर टैक्स 5% पर स्थिर।
  • बस, ट्रक, एम्बुलेंस, थ्री-व्हीलर पर टैक्स 28% से घटाकर 18%।
  • छोटी कारें (पेट्रोल 1200 सीसी तक, डीजल 1500 सीसी तक) और 350 सीसी तक की मोटरसाइकिल पर टैक्स 28% से घटाकर 18%।
  • अन्य:
  • चश्मे और गॉगल्स पर टैक्स 28% से घटाकर 5%।
  • इकोनॉमी सिनेमा टिकट पर टैक्स 12% से घटाकर 5%।

क्या होगा महंगा?

40% टैक्स स्लैब का उपयोग मुख्य रूप से विलासिता (लग्जरी) और हानिकारक (सिन) वस्तुओं के लिए किया गया है। निम्नलिखित वस्तुएं और सेवाएं महंगी होंगी:

  • सिन गुड्स:
  • पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी, जर्दा, गैर-निर्मित तंबाकू, कार्बोनेटेड और कैफीनयुक्त पेय, एयरेटेड वॉटर पर 40% टैक्स।
  • ऑनलाइन गेमिंग को डीमेरिट गुड्स की श्रेणी में रखा गया है, जिस पर 40% टैक्स लगेगा।
  • इन वस्तुओं पर टैक्स अब रिटेल सेल प्राइस (RSP) पर आधारित होगा, न कि होलसेल वैल्यू पर।
  • लग्जरी सामान:
  • 1500 सीसी से अधिक इंजन या 4000 मिमी से अधिक लंबाई वाली मिड-साइज और बड़ी कारें, स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (SUV), मल्टी-यूटिलिटी वाहन (MUV), क्रॉस-ओवर यूटिलिटी वाहन (XUV) जिनका ग्राउंड क्लीयरेंस 170 मिमी या अधिक है, पर 40% टैक्स।
  • 350 सीसी से अधिक इंजन वाली मोटरसाइकिल, हेलीकॉप्टर, यॉट, निजी उपयोग के लिए विमान पर 40% टैक्स।
  • 7500 रुपये प्रति रात से अधिक टैरिफ वाले लग्जरी होटल और रेस्तरां पर 28% टैक्स।
  • नोट: तंबाकू और सिगरेट जैसे उत्पादों पर फिलहाल 28% जीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर लागू रहेगा, जब तक केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दी गई मुआवजा राशि का ऋण चुकता नहीं हो जाता। इसके बाद ये 40% स्लैब में आएंगे।

अन्य प्रमुख बदलाव

  • उलटफेर कर संरचना (Inverted Duty Structure): कपड़ा क्षेत्र में मानव निर्मित फाइबर और यार्न पर टैक्स 18% और 12% से घटाकर 5% किया गया। उर्वरक क्षेत्र में सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया पर टैक्स 18% से घटाकर 5%।
  • एमएसएमई और व्यवसायों के लिए राहत:
  • जीएसटी पंजीकरण का समय 30 दिन से घटाकर 3 दिन।
  • निर्यातकों के लिए समयबद्ध स्वचालित जीएसटी रिफंड।
  • राजस्व प्रभाव: सरकार को दरों में कमी से 48,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है, लेकिन 40% स्लैब से 45,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अनुमानित है।
  • कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र: किसानों को कृषि उपकरणों और उर्वरकों पर कम टैक्स से लाभ होगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में दवाओं और बीमा पर छूट से मरीजों को राहत मिलेगी।

40% टैक्स क्यों?

40% टैक्स स्लैब का उद्देश्य हानिकारक वस्तुओं (सिन गुड्स) की खपत को हतोत्साहित करना और सरकार के लिए राजस्व उत्पन्न करना है। यह स्लैब पहले के 28% टैक्स और क्षतिपूर्ति उपकर को एकीकृत करता है। यह केवल चुनिंदा वस्तुओं जैसे तंबाकू, पान मसाला, लग्जरी कारों, और ऑनलाइन गेमिंग पर लागू होगा, जो समाज या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माने जाते हैं।

जीएसटी 2.0 के तहत 99% वस्तुएं जो पहले 12% स्लैब में थीं, अब 5% में आएंगी, और 90% वस्तुएं जो 28% स्लैब में थीं, अब 18% में होंगी। इससे आम जनता के लिए दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे खाद्य पदार्थ, टॉयलेटरीज़, और छोटे वाहन सस्ते होंगे। वहीं, लग्जरी और सिन गुड्स पर 40% टैक्स से ये वस्तुएं महंगी होंगी। ये सुधार न केवल कर संरचना को सरल बनाएंगे, बल्कि उपभोग को बढ़ावा देंगे और एमएसएमई, कृषि, और स्वास्थ्य क्षेत्रों को मजबूती प्रदान करेंगे।

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