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जापान की संसद ने चुनी पहली महिला प्रधानमंत्री: सानाे ताकाइची का ऐतिहासिक चयन

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जापान की संसद ने मंगलवार को अल्ट्रा-कंजर्वेटिव नेता सानाे ताकाइची को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री चुना, जो एक ऐतिहासिक क्षण है। 64 वर्षीय ताकाइची ने उदार लोकतांत्रिक पार्टी (एलडीपी) की लीडरशिप वोट में जीत हासिल करने के बाद यह पद संभाला।

उनका चयन पार्टी की जुलाई में हुई करारी हार के बाद तीन महीने के राजनीतिक संकट को समाप्त करता है। ताकाइची पूर्व प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा की जगह लेंगी, जिन्होंने मात्र एक वर्ष के कार्यकाल के बाद आज ही अपने कैबिनेट के साथ इस्तीफा दे दिया।

ताकाइची का चयन सोमवार को एलडीपी के नए गठबंधन सौदे के एक दिन बाद हुआ, जिसमें ओसाका-आधारित दक्षिणपंथी जापान इनोवेशन पार्टी (इशिन नो काई) को साझेदार बनाया गया। यह गठबंधन विपक्ष की एकजुटता की कमी के कारण ताकाइची की जीत सुनिश्चित करता है। हालांकि, यह अनदेखा गठबंधन संसद के दोनों सदनों में बहुमत से चूक गया है, जिसके लिए अन्य विपक्षी दलों को मनाने की जरूरत पड़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे सरकार अस्थिर हो सकती है और इसका कार्यकाल छोटा रह सकता है।

ताकाइची, जो एलडीपी की कट्टर राष्ट्रवादी धड़े की प्रमुख हैं, ने अपनी कैबिनेट में एलडीपी के प्रभावशाली किंगमेकर टारो आसो के सहयोगियों और पार्टी वोट में उनके समर्थकों को प्रमुख स्थान दिए हैं। यह कदम दक्षिणपंथी एजेंडे को मजबूत करने का संकेत देता है, जिसमें आप्रवासन पर सख्ती, जापानी सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा और सुरक्षा नीतियों पर जोर शामिल है। सोशल मीडिया पर ताकाइची की जीत को ‘वोक कल्चर पर सीधा प्रहार’ बताया जा रहा है, जहां वे खुले सीमाओं और लिंग प्रयोगों का विरोध करती हैं।

शिगेरु इशिबा का छोटा कार्यकाल एलडीपी की जुलाई चुनावी हार से प्रभावित रहा, जिसमें पार्टी ने कई सीटें गंवाईं। ताकाइची का उदय इस संकट से उबरने की कोशिश है, लेकिन विपक्षी एकता की कमी ने उन्हें राहत दी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ताकाइची को बधाई दी और भारत-जापान विशेष रणनीतिक वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने की इच्छा जताई। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद ने भी शुभकामनाएं दीं।

ताकाइची की नियुक्ति जापान जैसे पारंपरिक पुरुष-प्रधान समाज में महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है, जहां राजनीति और कार्यस्थलों पर बुजुर्ग पुरुषों का वर्चस्व रहा है। हालांकि, उनकी कट्टर दक्षिणपंथी छवि घरेलू और विदेशी नीतियों में चुनौतियां पैदा कर सकती है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने उन्हें ‘हैवी मेटल ड्रमर और हार्डलाइन कंजर्वेटिव’ के रूप में वर्णित किया, जो उनकी बहुआयामी छवि को रेखांकित करता है।

वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, ताकाइची एक ‘फायरब्रांड नेशनलिस्ट और सिक्योरिटी हॉक’ हैं, जो जापान की विदेश नीति को और आक्रामक बना सकती हैं। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर रिएक्शंस में उनकी जीत को ‘पेंडुलम स्विंग’ कहा जा रहा है, जहां पश्चिमी दुनिया में कंजर्वेटिव लहर तेज हो रही है।

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