
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में कोण्टा-एर्राबोर रोड पर डोंड्रा गांव के पास सोमवार सुबह नक्सलियों द्वारा किए गए प्रेशर IED विस्फोट में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) अकाश राव गिरपुंजे शहीद हो गए।

इस हमले में कोण्टा SDPO, कोण्टा थाना प्रभारी, और अन्य जवान भी घायल हुए। पुलिस ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, और 10 जून को CPI (माओवादी) द्वारा बुलाए गए भारत बंद से पहले सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
विस्फोट उस समय हुआ जब ASP अकाश राव गिरपुंजे, एक 2013 बैच के राज्य पुलिस सेवा अधिकारी, कोण्टा क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए पैदल गश्ती दल का नेतृत्व कर रहे थे। यह गश्त भारत बंद के मद्देनजर थी। पुलिस के अनुसार, नक्सलियों ने एक रेत खदान में पोक्लेन मशीन में आग लगाने की झूठी सूचना फैलाकर सुरक्षा बलों को लुभाया और सुनियोजित जाल बिछाया। कोण्टा से तीन किलोमीटर दूर हुए इस विस्फोट में ASP गिरपुंजे को गंभीर चोटें आईं, जिसमें उनके दोनों पैर उड़ गए। उन्हें कोण्टा अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
SDPO और थाना प्रभारी सोनल ग्वाला को भी चोटें आईं, लेकिन उनकी हालत स्थिर है। अन्य घायल जवानों का कोण्टा अस्पताल में इलाज चल रहा है, और कुछ को बेहतर उपचार के लिए रायपुर भेजा गया है। बस्तर IG पी. सुंदरराज ने बताया कि ASP गिरपुंजे गंभीर रूप से घायल थे और उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उन्होंने कहा कि अन्य घायलों का इलाज जारी है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने ASP की शहादत पर शोक जताया और कहा कि गिरपुंजे एक बहादुर अधिकारी थे, जिन्हें कई वीरता पुरस्कार मिले थे। उन्होंने नक्सलियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस कायराना हमले को दुखद बताया और घायलों के इलाज के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नक्सलियों को बख्शा नहीं जाएगा, और उनके खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक उनका अस्तित्व खत्म नहीं हो जाता।
यह हमला बस्तर क्षेत्र में नक्सली हिंसा की निरंतर चुनौती को दर्शाता है। सुकमा नक्सल गतिविधियों का गढ़ रहा है। मई 2009 में राजनांदगांव में SP विनोद चौबे की हत्या के बाद यह पहला मौका है जब छत्तीसगढ़ में इतने वरिष्ठ अधिकारी नक्सली हमले में शहीद हुए हैं। 6 जनवरी 2025 को बीजापुर में एक IED विस्फोट में आठ जवान समेत नौ लोग मारे गए थे, जो नक्सलियों की IED रणनीति की घातकता को दिखाता है।
हाल के महीनों में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई है। 5-7 जून 2025 को बीजापुर में सात नक्सली, जिनमें वरिष्ठ नेता गौतम और भास्कर शामिल थे, मारे गए। 27 मई 2025 को सुकमा में 18 नक्सलियों ने नियाद नेलनार पुनर्वास योजना के तहत आत्मसमर्पण किया। इन सफलताओं के बाद नक्सलियों के जवाबी हमले बढ़ गए हैं, और IED उनका मुख्य हथियार बना हुआ है।
हमले के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षा बलों में शोक की लहर है। ASP गिरपुंजे को एक साहसी और समर्पित अधिकारी बताया जा रहा है। पुलिस ने इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है, और भारत बंद से पहले संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं।
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