
उत्तर प्रदेश एसटीएफ की नोएडा इकाई ने गाजियाबाद के कविनगर में एक बड़े ठगी रैकेट का खुलासा करते हुए हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया। शुरुआती जांच में पता चला कि हर्षवर्धन 2011 में अवैध सैटेलाइट फोन रखने के मामले में कविनगर थाने में दर्ज एक मामले का आरोपी था।

वह किराए के मकान में वेस्ट आर्कटिक, सेबोर्गा, पोलविया और लोडोनिया जैसे काल्पनिक माइक्रोनेशन देशों का फर्जी दूतावास चला रहा था। वह खुद को इन देशों का राजदूत बताकर लोगों को ठगता था।
हर्षवर्धन लोगों को झांसे में लेने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य वीआईपी हस्तियों के साथ मॉर्फ की गई तस्वीरों का इस्तेमाल करता था। वह विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर दलाली करता था और शेल कंपनियों के जरिए हवाला ट्रांजेक्शन को अंजाम देता था। एसटीएफ की छापेमारी में उसके पास से डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली चार गाड़ियां, 12 माइक्रोनेशन डिप्लोमेटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की नकली मुहरें, दो कूटरचित पैन कार्ड, 34 विभिन्न देशों और कंपनियों की मुहरें, फर्जी प्रेस कार्ड, 44.7 लाख रुपये नकद, कई देशों की विदेशी मुद्रा और 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट बरामद किए गए।
जांच में सामने आया कि हर्षवर्धन का यह ठगी का नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था। वह फर्जी दस्तावेजों और डिप्लोमैटिक रुतबे का दिखावा कर लोगों को विदेश में नौकरी और अन्य सुविधाओं का लालच देता था। पुलिस ने उसके खिलाफ IPC की धारा 420 (ठगी), 467 (जालसाजी), 468 (कूटरचना), और 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग) के तहत मामला दर्ज किया है। एसटीएफ अब उसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और हवाला नेटवर्क की जांच कर रही है।
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