
गाजा पट्टी के दक्षिणी शहर राफा में गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) द्वारा इजरायल के समर्थन से स्थापित सहायता वितरण केंद्र के पास रविवार (1 जून, 2025) को इजरायली सेना की गोलीबारी में 21 फलस्तीनियों की मौत हो गई और 175 लोग घायल हो गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अल-मवासी क्षेत्र में एक गोल चक्कर पर सहायता लेने जा रही भीड़ पर इजरायली सेना ने गोलीबारी की। यह घटना 27 मई को ताल अल-सुल्तान में हुए एक अन्य हादसे के बाद हुई, जिसमें 10 लोग मारे गए थे और 62 घायल हुए थे।
स्थानीय लोगों और गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हजारों भूखे फलस्तीनी रविवार सुबह अल-मवासी में GHF के सहायता केंद्र की ओर जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शी अबू सऊद ने बताया कि उन्होंने कई लोगों को गोली लगने से घायल देखा, जिनमें एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मोहम्मद अबू तेइमा ने कहा कि उनके चचेरे भाई को सीने में गोली लगी और उनकी तत्काल मृत्यु हो गई। एक अन्य महिला भी गोलीबारी में मारी गई। गाजा सरकार के मीडिया कार्यालय ने इसे “नरसंहार” करार देते हुए कहा कि इजरायल की “भुखमरी नीति” के कारण लोग सहायता लेने के लिए मजबूर हैं।
इजरायल और GHF का दावा
इजरायली सेना (IDF) ने दावा किया कि उनके सैनिकों ने भीड़ पर गोली नहीं चलाई, बल्कि “चेतावनी के लिए हवा में गोलियां चलाईं।” GHF ने भी कहा कि उनके अमेरिकी निजी सुरक्षा गार्डों ने गोलीबारी नहीं की, और रविवार को 16 ट्रक सहायता वितरित की गई। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र (UN) के मानवाधिकार कार्यालय के प्रमुख अजित सुंघे ने पुष्टि की कि घायल होने वालों में ज्यादातर को इजरायली सेना की गोलियों से चोटें आईं।
पृष्ठभूमि और विवाद
GHF, एक अमेरिकी-इजरायली समर्थित संगठन, ने मार्च 2025 में इजरायल द्वारा लगाए गए 11-सप्ताह के ब्लॉकेड के बाद गाजा में सहायता वितरण शुरू किया। इस ब्लॉकेड ने गाजा के 21 लाख लोगों को भुखमरी की कगार पर ला दिया। संयुक्त राष्ट्र और अन्य सहायता संगठनों ने GHF की प्रक्रिया की आलोचना की है, इसे मानवीय सिद्धांतों (निष्पक्षता, स्वतंत्रता, और तटस्थता) के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह इजरायल द्वारा जनसंख्या नियंत्रण और उत्तरी गाजा को खाली करने की रणनीति का हिस्सा है।
27 मई को ताल अल-सुल्तान में GHF केंद्र पर भीड़ के बेकाबू होने पर गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति मारा गया और 48 घायल हुए। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि उस घटना में भी इजरायली सेना ने गोलीबारी की थी। UN और सहायता संगठनों का कहना है कि इजरायल की नीतियों ने गाजा में अकाल जैसे हालात पैदा किए हैं, और पर्याप्त सहायता की अनुमति नहीं दी जा रही।
भुखमरी का संकट
मार्च 2025 के इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन (IPC) की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में 4.7 लाख लोग “चरण 5: आपदा/अकाल” की स्थिति में हैं, और 96% आबादी तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही है। गाजा सरकार के मीडिया कार्यालय ने कहा कि 84 दिनों की नाकेबंदी में केवल 100 ट्रक सहायता गाजा में प्रवेश कर पाए, जबकि न्यूनतम जरूरतों के लिए 46,200 ट्रकों की आवश्यकता थी।
प्रत्यक्षदर्शियों की आपबीती
प्रत्यक्षदर्शी अबू खम्माश, जो डायबिटीज और उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, ने कहा, “मैं अपने बच्चों के लिए खाना लेने गया था, क्योंकि भूख बेरहम है।” कई लोग डर के बावजूद सहायता लेने गए, क्योंकि भुखमरी का डर उससे बड़ा था। गाजा के निवासियों का कहना है कि GHF केंद्रों पर भारी भीड़ और अव्यवस्था के कारण स्थिति और खतरनाक हो रही है।
आलोचना और मांग
संयुक्त राष्ट्र और सहायता संगठनों ने मांग की है कि इजरायल सभी क्रॉसिंग खोले और सहायता वितरण को सुरक्षित बनाए। UNRWA के आयुक्त-जनरल फिलिप लाजारिनी ने इस घटना को “अ EDIT: अपमानजनक” और “असुरक्षित” बताया, जबकि गाजा के निवासियों ने इसे युद्ध अपराध करार दिया। गाजा में मानवीय संकट गहराता जा रहा है, और बच्चों में कुपोषण की स्थिति गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है।
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