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कांशीराम पुण्यतिथि पर मायावती का शक्ति प्रदर्शन: BSP 2027 में अकेले लड़ेगी, BJP की तारीफ, SP-कांग्रेस पर निशाना

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कांशीराम की 19वीं पुण्यतिथि (महापरिनिर्वाण दिवस) पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने लखनऊ के राष्ट्रीय दलित स्मारक पर विशाल रैली को संबोधित किया। इस सियासी शक्ति प्रदर्शन में हजारों समर्थक शामिल हुए, जिन्हें लाने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश से 5,000 बसें लगाई गईं। मायावती ने 2027 यूपी विधानसभा चुनावों की रणनीति स्पष्ट करते हुए कई अहम मुद्दों पर बात की और BJP सरकार की तारीफ की, जबकि SP और कांग्रेस को जातिवादी करार दिया।

रैली के मुख्य बिंदु

  1. रिकॉर्ड तोड़ भीड़: मायावती ने कहा, “आज की भीड़ ने सारे रिकॉर्ड तोड़े। यह कांशीराम के आंदोलन की ताकत दिखाता है। हाथी (BSP प्रतीक) कमजोर नहीं पड़ा।” रैली में पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक के समर्थक जुटे।
  2. BJP सरकार की तारीफ: मायावती ने योगी आदित्यनाथ सरकार की सराहना की, क्योंकि उन्होंने कांशीराम स्मारक की मरम्मत कराई और पर्यटकों से एकत्र फंड को दलित कल्याण के लिए रोका नहीं। “SP ने कांशीराम नगर जिले का नाम बदला, लेकिन BJP ने फंड डायवर्ट नहीं किया।”
  3. SP, BJP, कांग्रेस पर हमला: मायावती ने SP, BJP और कांग्रेस को “जातिवादी” बताया। उन्होंने कहा, “SP का कांशीराम को याद करना छलावा है। ये पार्टियां दलितों, OBC और मुस्लिमों के वोट बैंक के लिए ऐसा करती हैं।” SP की रामपुर रैली पर तंज कसते हुए कहा, “वे कांशीराम को वोट के लिए याद करते हैं।”
  4. CBI जंजाल का आरोप: मायावती ने कहा, “मुझे CBI के फर्जी केसों में फंसाने की साजिश हुई। यह दलित आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश थी।” उन्होंने केंद्र और SP पर निशाना साधा, लेकिन BJP की मौजूदा नीतियों को सकारात्मक बताया।
  5. आरक्षण पर जोर: मायावती ने कहा, “दलितों, OBC और आदिवासियों को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिला। प्रमोशन में आरक्षण लागू करना जरूरी है। SP सरकार ने इसे लागू नहीं किया।” उन्होंने केंद्र से संविधान संशोधन की मांग दोहराई।
  6. मुस्लिम-पिछड़ा विकास और कानून व्यवस्था: मायावती ने कहा, “मुस्लिम और पिछड़े समाज का विकास अधूरा है। यूपी में कानून व्यवस्था बदहाल है, खासकर SP शासन में। BJP ने कुछ सुधार किए, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है।”
  7. 2027 में अकेले लड़ाई, गठबंधन नहीं: मायावती ने स्पष्ट किया, “BSP किसी से गठबंधन नहीं करेगी। 2027 में अकेले पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।” उन्होंने 2007 का जिक्र किया, जब BSP ने 207 सीटें जीती थीं। “गठबंधन में वोट ट्रांसफर नहीं होता, नुकसान हमारा होता है।”
  8. आकाश आनंद पर भरोसा: मायावती ने भतीजे और BSP के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद की तारीफ की। “वे मेरे मार्गदर्शन में मेहनत कर रहे हैं। युवा नेतृत्व तैयार है।” यह संकेत है कि आकाश 2027 में अहम भूमिका निभाएंगे।

आजम खान की जॉइनिंग की अफवाहें खारिज

मायावती ने SP नेता आजम खान के BSP में शामिल होने की अफवाहों को खारिज किया। “मैं किसी से गुप्त मुलाकात नहीं करती। पिछले महीने से झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं।” यह बयान अखिलेश यादव की आजम से रामपुर मुलाकात के बाद आया, जिसे SP की मुस्लिम वोट बैंक रणनीति माना जा रहा है।

राजनीतिक निहितार्थ

मायावती का यह शक्ति प्रदर्शन 2027 में BSP की वापसी की कोशिश है। 2022 में केवल 1 सीट (12.9% वोट) के बाद पार्टी बूथ-स्तरीय पुनर्गठन कर रही है। BJP की तारीफ और SP-कांग्रेस पर हमला रणनीतिक है, ताकि दलित-OBC-मुस्लिम गठजोड़ को मजबूत किया जाए। विश्लेषकों का कहना है कि मायावती पोस्ट-पोल गठबंधन की गुंजाइश खुली रख सकती हैं।

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